जयपुर. दिल्ली-मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर (डीएमआईसी) के तहत कोटकासिम में प्रस्तावित नए अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर योजना केंद्र के सामने रखने के बाद अब राज्य सरकार इस एयरपोर्ट की डीपीआर को मौजूदा हालात के लिहाज से संशोधित करेगी। सरकार ने 10 हजार करोड़ की लागत वाले इस प्रोजेक्ट की डीपीआर तैयार करने वाली कम्पनी राइट्स को इस बारे में निर्देश दिए हैं। सूत्रों के अनुसार 2015 से चल रहे इस प्रोजेक्ट में 2018 में पर्यावरण मंजूरी मिली थी। हाल ही जब सरकार के स्तर पर डीपीआर की समीक्षा की गई तो सामने आया कि यह मंजूरी अब एक्सपायर हो चुकी है। ऐसे में अब फिर से ये मंजूरी लेकर नए सिरे से डीपीआर में संशोधन करने होंगे।
एक्सप्रेस-वे और भूमि पर भी मंथन सूत्रों ने बताया कि डीपीआर को अपडेट करने की इस कवायद में सरकार एयरपोर्ट की जमीन और समीप से गुजर रहे दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे से इनकी कनेक्टिविटी को लेकर भी मंथन कर रही है। दरअसल, फिलहाल जो जमीन परियोजना के लिए निश्चित है उसमें निजी खातेदारी आ रही है। जबकि इसी के समीप ही सरकारी भूमि का विकल्प भी है। शुरुआती योजना के बाद एक्सप्रेस-वे का काम भी शुरू हो गया। ऐसे में सरकार सोच रही है कि इस मार्ग से भी एयरपोर्ट की सुगम कनेक्टिविटी मुहैया कराई जाए।
ये है योजना सरकार की ओर से तैयार योजना के अनुसार भिवाड़ी के निकट कोटाकासिम में प्रस्तावित ग्रीनफील्ड इंटरनेशनल एयरपोर्ट को चार चरणों में विकसित किया जाएगा। पहला चरण 2022 से 2027 तक चलेगा। 2058 हैक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित इस एयरपोर्ट पहले चरण में प्रति वर्ष 30 लाख यात्रीभार संभावित है।