राज्यपाल कलराज मिश्र की बायोग्राफी कुलपतियों को कथित रूप से बेचे जाने के मामले में राजभवन को स्पष्टीकरण जारी करना पड़ गया है। राजभवन की ओर से जारी हुए स्पष्टीकरण में कहा गया है कि बायोग्राफी का विपणन मुख्य रूप से प्रकाशक आईआईएमई, शोध संस्थान और खरीदने वाले के मध्य का है। कहा गया कि पुस्तक के विपणन की व्यावसायिक गतिविधियों में राजभवन की कोई भूमिका या किसी प्रकार की संबद्धता नहीं है। प्रकाशक ने पुस्तक प्रकाशित करने के बाद राजभवन में उसके लोकार्पण की अनुमति मांगी थी, जो उन्हें दी गई थी।
गौरतलब है कि बीते एक जुलाई को राजभवन में ‘कलराज मिश्र-निमित्त मात्र हूं मैं’ पुस्तक का लोकार्पण हुआ था जिसमें लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
ये है विवाद
दरअसल, एक मीडिया संस्थान ने राज्यपाल कलराज मिश्र की लोकार्पित बायोग्राफी पुस्तक को सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को कथित रूप से बेचे जाने की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। बताया गया कि विमोचन कार्यक्रम में शामिल हुए विश्वविद्यालय के कुलपतियों को पुस्तक के कर्टन्स थमाकर उन्हें इसकी कीमत के आधार पर बिल थमा दिए गए।
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यही नहीं मिश्र की बायोग्राफी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ कमल के फोटो और भाजपा ज्वॉइन करने की अपील का ज़िक्र करते हुए सवाल उठाये गए हैं।