आरोपी को पूर्ण रूप से अपने मोहजाल में फंसाकर आर्मी के पत्रो की फोटो भेजने के लिए कहा तो आरोपी चोरी छिपे गोपनीय डाक पत्रों के लिफाफे खोलकर पत्रों की फोटो खींचकर जरिये वाटस्एप भेजने लगा। आरोपी के फोन की वास्तविक जांच में उपरोक्त तथ्यों की पुष्टि होने पर आरोपी के विरूद्व शासकीय गुप्त बात अधिनियम 1923 के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी ने पूछताछ पर यह भी बताया है कि उक्त महिला मित्र के चाहने पर अपनी स्वंय के नाम की एक सिम के मोबाईल नम्बर और वाटस्एप हेतु ओटीपी भी शेयर कर दिये ताकि उक्त भारतीय नम्बर में पाक महिला एजेन्ट अन्य छदम नाम से उपयोग कर अन्य लोगों तथा आर्मी के जवानों को अपना शिकार बना सकें।