जन्माष्टमी से 15 दिन बाद आता है राधा रानी का जन्मदिवस
ज्योर्तिविद पं.पुरुषोत्तम गौड़ के अनुसार अभिजीत मुहूर्त के साथ शोभन योग सौभाग्य में वृद्धि के साथ सुख शांति और समृद्धि देने वाला भी होगा। पूजा का समय सुबह 11.01 बजे से दोपहर 1.26 बजे तक रहेगा। राधा रानी का जन्मदिवस जन्माष्टमी से 15 दिन बाद आता है। वह भगवान श्रीकृष्ण की प्रिया के रूप में जानी जाती हैं, हर जगह कृष्ण के साथ राधा का नाम भी जोड़ा जाता है।
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सुबह 5.30 बजे जन्माभिषेक
रामगंज बाजार स्थित मंदिर लाड़लीजी में महंत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में शनिवार सुबह 5.30 बजे जन्माभिषेक, पालना दर्शन, नौ बजे से ग्वारिया समाज की ओर से बधाई-उछाल, अपराह्न तीन बजे से पालना दर्शन, शाम सात बजे से भजन संध्या होगी।
कांचीपुरम से मंगाई विशेष सिल्क की साड़ी
जगतपुरा स्थित कृष्ण-बलराम मंदिर में दक्षिण भारत के कांचीपुरम से मंगाई विशेष सिल्क और वृंदावन की रंग-बिरंगी पोशाकों से राधा रानी का नयनाभिराम शृंगार किया जाएगा। शाम को 108 कलशों से अभिषेक और महाआरती होगी। बेंगलूरु और दिल्ली से मंगाए गए विशेष फूलों से भी सजावट की जाएगी।
इन मंदिरों में भी होंगे आयोजन, सजेंगी झांकी
गोविंददेवजी के अधीन मंदिर राधामाधवजी, नटवरजी, कुंजबिहारीजी, गोपालजी नागा, मुरलीमनोहर जी, गोपालजी रोपाड़ा में भी कार्यक्रम होंगे। सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज, चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदर, पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथ एवं इस्कॉन मंदिर में भी कार्यक्रम होंगे। देवस्थान विभाग की ओर से राजधानी में विभाग के अधीन कृष्ण मंदिरों में राधाष्टमी मनाई जाएगी। विशेष झांकी भी सजाई जाएंगी।
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