सीके पुन्नूस, वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि बच्चे के बारे में कुछ शिकायत थी, जो परिजनों को बताई भी थी। पीटीआइ पर प्रताडऩा के आरोप बेबुनियाद हैं। अपने स्तर पर भी जांच करा रहे हैं। जियो पहली से पांचवीं के बच्चों को संभालता है, जिसका नितांत से कोई लेना-देना नहीं था। उसे सिर्फ क्लास रूम में जाने को कहा था।
जियो वर्गिस, पीटीआइ ने कहा कि मैं पांचवीं तक के बच्चों का पीटीआई हूं, नितांत के बारे में नहीं जानता। बड़ी क्लास का छात्र ग्राउंड में घूमता नजर आता था तो क्लास में जाने कह देता था।
सजा मिलनी ही चाहिए राजकुमार, नितांत के पिता ने कहा कि मेरा तो बेटा गया है। स्कूल में उसके साथ हुआ व्यवहार कैमरों में दर्ज हुआ है, जो पुलिस को सबूत के तौर पर लेना चाहिए। पुलिस ने जियो को गिरफ्तार तो कर लिया लेकिन ढिलाई न बरते। उसे अपने कृत्य की सजा मिलनी ही चाहिए।
यह है मामला गत 25 अप्रैल को देर रात कृष्णानगर सोडाला निवासी छात्र नितांत राज लाटा ने घर में फंदा लगा लिया था। चार दिन बाद कमरे से परिजनों को टेबल पर सुसाइड नोट मिला था।
दिनभर चली पूछताछ पुलिस ने स्कूल प्रबन्धन सहित जियो से दिनभर पूछताछ की। प्रिंसिपल व दर्जनभर कर्मचारियों से जांच के बाद जियो को छात्र की खुदकुशी के लिए जिम्मेदार मानकर गिरफ्तार कर लिया।
नितांत का व्यवहार सही, जियो का अनुचित जांच के बाद पुलिस का कहना है कि मृतक नितांत का व्यवहार कुशल था लेकिन पीटीआइ जियो का व्यवहार नितांत के लिए ही नहीं बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी अनुचित सामने आया।
हाथ पर निशां कैसे बताया गया कि नितांत पढ़ाई में औसत था। उसके हाथ पर ब्लैड से काटने के निशान थे, जो पुराने थे। उसने पहले भी ब्लैड से हाथ पर कुछ लिखा था, जिसकी जांच हो रही है। घटना वाले दिन स्कूल प्रबंधन ने परिजनों को बुलाकर इस बारे में शिकायत की थी।
जांच के लिए कमेटी ही नहीं एसएचओ सुनील ने बताया कि स्कूल में शिक्षकों के गलत व्यवहार की शिकायत को लेकर कोई कमेटी नहीं बनी हुई है। ऐसे में स्टाफ के गलत व्यवहार की शिकायत ही नहीं हो पा रही थी।