राजधानी की जनता जयपुर शहर को दो हिस्सों में बांटने के समर्थन में नहीं है। 95 प्रतिशत लोगों ने राज्य सरकार की ओर से की गई शहर के दो हिस्से करने की घोषणा को गलत बताया है। राजस्थान पत्रिका अखबार की ओर से करवाए गए गूगल सर्वे में 89.4 फीसदी लोगों ने माना है कि सरकार के इस फैसले से जयपुर शहर की पहचान विभाजित होगी। दरअसल, जयपुर की पूरे विश्व में अलग सांस्कृतिक पहचान है। शहर के लोग नहीं चाहते कि इस पहचान का विभाजन हो।
पत्रिका सर्वे : यह कहा जयपुर के लोगों ने
सवाल:- क्या जयपुर को दो हिस्सों में बांटने की जरूरत है?
हां 5%
नहीं 95%
सवाल: शहर को दो हिस्सों में बांटने से सुविधाएं बढ़ेंगी और विकास होगा?
हां 7%
नहीं 93%
सवाल: जयपुर शहर की सांस्कृतिक और हेरिटेज पहचान विभाजित होगी?
हां 89.4%
नहीं 10.6%
सवाल: इससे विकास में असमानता बढ़ेगी?
हां 92.3%
नहीं 7.7%
सवाल: क्या प्रशासनिक तंत्र मजबूत होगा?
हां 8.1%
नहीं 91.9%
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मुहिम को आगे बढ़ाएंगे, शुरुआत सीएम को ज्ञापन से
‘म्हारो जयपुर प्यारो जयपुर’ अभियान को आगे बढ़ाने के लिए शहर के प्रबुद्ध जनों की शुक्रवार को बैठक हुई, जिसमें अभियान को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया गया। मुहिम से जुड़े प्रबुद्ध जन इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ज्ञापन देंगे जिसमें जयपुर के दोनों निगमों को एक रखकर 250 वोटों की सीमाओं को शामिल करते हुए शहर को एक जिले के रूप में रहने देने की मांग की जाएगी। मुख्यमंत्री को यह भी सुझाव दिया जाएगा कि शहर को एक रखते हुए बाकी हिस्से को बनाए जाने वाले अन्य जिलों में समाहित कर लिया जाए।
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प्रमुख मंदिरों में करेंगे महाआरती
तय किया गया कि जनता में इस अभियान के जागरण के लिए आमेर के शीला माता मंदिर, सांगा बाबा मंदिर सांगानेर, हनुमान मंदिर चांदपोल, झारखंड महादेव मंदिर, सूर्य मंदिर गलता घाटी में महाआरती का आयोजन जन सहभागिता से किया जाएगा। शहर के सभी प्रमुख पार्कों में जयपुर को एक रखने का संदेश देने वाला पत्रक वितरित कर जन जागरण अभियान चलाया जाएगा