जयपुर

छात्रसंघ चुनाव नहीं होने पर भड़के छात्र, राजस्थान यूनिवर्सिटी में निकाली VC की शव यात्रा, आत्मदाह की चेतावनी

प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने कुलपति के निवास में भी घुसने की कोशिश की, हालांकि वहां मौजूद पुलिस जाब्ते ने उन्हें खदेड़ दिया

जयपुरAug 16, 2023 / 05:13 pm

Rakesh Mishra

जयपुर। राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने के सरकार के फैसले के खिलाफ छात्रनेताओं ने बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में जमकर बवाल काटा। छात्रों के गुस्से का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ छात्रनेताओं ने खुद के ऊपर पेट्रोल छिड़का और कुलपति सचिवालय में कैद कर लिया। छात्रनेताओं ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने चुनाव कराने का एलान नहीं किया तो वे सामूहिक आत्मदाह कर देंगे।

इतना ही नहीं आक्रोशित छात्रों ने यूनिवर्सिटी कैम्पस में कुलपति प्रोफेसर राजीव जैन की शव यात्रा तक निकाल दी। वहीं कई छात्र विज्ञान भवन, एकेडमिक ब्लॉक और लाइब्रेरी की छतों पर चढ़ प्रदर्शन करने लगे। छात्रनेताओं का आरोप है कि छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने को लेकर कुलपति ने सीएम और सरकार तक गलत फीडबैक भेजा है।

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प्रदर्शन के दौरान कुछ छात्रों ने कुलपति के निवास में भी घुसने की कोशिश की, हालांकि वहां मौजूद पुलिस जाब्ते ने उन्हें खदेड़ दिया। इस दौरान छात्रों से समझाइश की भी कोशिश चलती रही और छात्र नेताओं की कुलपति राजीव जैन से मुलाकात करवाने पर सहमति बनी। छात्रनेताओं का कहना था कि अगर सरकार जल्द उनकी मांगों को पूरा नहीं करेगी तो वह आंदोलन को उग्र करेंगे।

आपको बता दें कि कुछ दिन पहले राज्य के विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में छात्रसंघ चुनाव नहीं कराने का फैसला लिया गया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ शनिवार देर रात बैठक की। उसके बाद विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी किए गए थे।

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उच्च शिक्षा विभाग ने शनिवार को राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों के साथ छात्रसंघ चुनाव को लेकर संवाद किया था। इसमें कुलपतियों ने चुनाव नहीं कराने की सिफारिश की थी। इतना ही नहीं कुलपतियों ने छात्रसंघ चुनावों में धनबल और भुजबल का खुलकर प्रयोग होने का हवाला भी दिया था। कुलपतियों ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव से शिक्षण कार्य अत्यधिक प्रभावित होता है।
छात्रसंघ चुनाव हुए तो नई शिक्षा नीति के तहत सेमेस्टर सिस्टम लागू करने में असुविधा होगी। कुलपतियों के सुझाव के बाद मुख्यमंत्री की सहमति से छात्रसंघ चुनाव पर इस सत्र में रोक लगा दी। दूसरी ओर चुनाव नहीं कराने के पीछे यह भी कारण माना जा रहा है कि इस साल विधानसभा चुनाव है।
सरकार नहीं चाहती कि छात्रसंघ चुनाव के नतीजों का असर विधानसभा चुनाव पर पड़े। पिछले 20 साल में राज्य में सात बार छात्रसंघ चुनाव पर रोक लगी है। इससे पहले 2005 से 2009 तक चुनाव पर रोक लगी। इसके बाद कोरोनाकाल में 2020 और 2021 में छात्रसंघ चुनाव नहीं हुए।

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