इसके साथ बीजेपी नेताओं से भी इस मामले में केंद्र सरकार से सहयोग दिलाने का आग्रह करेगी। मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में पीसीसी चीफ और शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि विधानपरिषद का प्रस्ताव सर्वसम्मति से लिया गया है। केंद्र सरकार लगातार विधानपरिषद के मामले को टाले जा रही थी , इसकी चिट्ठी अब दोबारा भेजने को लेकर कैबिनेट की बैठक में सर्वसम्मति से यह प्रस्ताव लिया गया।
डोटासरा ने कहा कि हम चाहते हैं कि लोगों को मौका मिले , कार्यकर्ताओं को मौका मिले इसके लिए विधानपरिषद बने। कांग्रेस की सरकार ने इसी को लेकर 7 साल पहले फैसला किया था लेकिन केंद्र की मोदी सरकार विधान परिषद के प्रस्ताव को लगातार बार-बार टालती आ रही है।
डोटासरा ने कहा कि हम बीजेपी के नेताओं से आग्रह करेंगे कि वे केंद्र से सहयोग दिलाए ताकि राजस्थान में विधान परिषद का जल्द से जल्द लाभ मिल सके। हम बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया के साथ-साथ 25 के 25 सांसद और कैबिनेट मंत्री बने भूपेंद्र यादव उनसे भी आग्रह करेंगे कि वह जनता के हित के लिए जनता के आवश्यकताओं के लिए उसके मंत्रिपरिषद के गठन में सहयोग दिलाएं।
गौरतलब है कि विधान परिषद के गठन को लेकर 7 साल पहले प्रदेश की गहलोत सरकार फैसला लेते हुए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था , लेकिन केंद्र सरकार ने इस पर 7 साल गुजर जाने के बाद भी कोई फैसला नहीं लिया है। ऐसे में बुधवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार को विधान परिषद गठन को लेकर एक बार फिर चिट्ठी लिखने के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित कराया गया।