जयपुर

विवादों में आई शिक्षा विभाग की पदोन्नति सूची, कोर्ट में जाने की तैयारी

promotion list controversy: पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग ने लम्बे समय से अटकी पदोन्नति सूची जारी की है। इसमें करीब 12 हजार शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी। इस पदोन्नति सूची में कोटे से कम पदोन्नति करने पर विरोध शुरू हो गया है।

जयपुरNov 26, 2024 / 10:49 am

rajesh dixit

जयपुर। शिक्षा विभाग में पिछले दिनों हुई 12 हजार पदोन्नति सूची अब विवादों में आ गई है। इस पदोन्नति सूची में निर्धारित कोटे से कम दिव्यांग वर्ग को पदोन्नति दी गई है। इससे दिव्यांग वर्ग के प्रधानाचार्यों ने आपत्ति दर्ज की है। इधर दिव्यांग प्रधानाचार्यों ने शिक्षा विभाग को इस संबंध में सूचित कर दिया है। निर्धारित कोटे के अनुसार पदोन्नति नहीं होने पर मामला कोर्ट तक पहुंच सकता है।
दरअसल पिछले दिनों ही शिक्षा विभाग ने लम्बे समय से अटकी पदोन्नति सूची जारी की है। इसमें करीब 12 हजार शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को पदोन्नति दी गई थी। इस पदोन्नति सूची में दिव्यांग वर्ग के निर्धारित कोटे से कम पदोन्नति करने पर विरोध शुरू हो गया है।

यूं समझे पदोन्नति सूची में कम कोटे से मिली पदोन्नति

राज्य सरकार ने पदोन्नति मे चार प्रतिशत दिव्यांग कोटा निर्धारित किया गया है। निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा उप प्रधानाचार्य से प्रधानाचार्य पद के लिए 5544 पद की पात्रता सूचियों में जारी की हैं। इसमें दिव्यांग कोटा के तहत सिर्फ 80 दिव्यांग उप प्रधानाचार्य को दर्शाया गया है जो 2 प्रतिशत से भी कम है। जो ना तो न्यायसंगत है नहीं तर्क संगत है। नियमानुसार 5544 पद में 4 फीसदी विकलांग कोटा बनता है जो 222 होता हैं ।

शिक्षक संगठन ने जताया विरोध

अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ ने शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव स्कूल शिक्षा को ज्ञापन भेजा है। इसमें प्रधानाचार्य पद की पात्रता सूची को लेकर विरोध जताया है। ज्ञापन में बताया कि दिव्यांग के लिए निर्धारित 4 प्रतिशत कोटा में निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा जारी सूचियों में दिव्यांगों की उपेक्षा की है। जो सरासर दिव्यांग उप प्रधानाचार्य पर निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर द्वारा किया गया कुठाराघात है। उन्हें पदोन्नति के हक से वंचित कर दिया गया।

दिव्यांग आयोग का खटखटाएंगे दरवाजा

शिक्षा मंत्री एवं शिक्षा सचिव को पत्र लिखा है। इसमें उप प्रधानाचार्य से प्रधानाचार्य बनने की पात्रता सूची में संशोधन किया जाए। पात्रता सूची मे 142 दिव्यांग वाईस प्रिंसिपल के नाम और जोड़े जाएं। नहीं तो न्यायिक वाद दायर होने से विवाद बढ़ेगा जो छात्र हित में उचित नहीं हैं। इसके अलावा निदेशालय माध्यमिक शिक्षा बीकानेर की हठधर्मिता के विरुद्ध दिव्यांग आयोग का दरवाजा खटखटाना से भी संगठन पीछे नहीं रहेगा।
रामकृष्ण अग्रवाल, प्रदेश अध्यक्ष, अखिल राजस्थान विद्यालय शिक्षक संघ अरस्तु

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