राजस्थान के ये सियासत दां ऐसी भूमि से निकले हैं जो जिनके खूून में ही देश के लिए कुछ अलग कर गुजरने का जज्बा है। फिर चाहे सियासत हो, सेना हो या फिर व्यापार की दुनिया हो। बात कर रहे हैं वीरों की धरती राजस्थान की सरजमीं शेखावाटी की। जवान, किसान और अब सियासतदान। इस हिस्से के जज्बे की अलग कहानी कह रहे हैं।
चलिए आज आपको मिलवाते हैं सियासत के उन वीरों से जिन्होंने देश का ऐसा कोई पद नहीं है जिस पर काबिज न हुए हों सिर्फ प्रधानमंत्री पद को छोड़कर। उपराष्ट्रपति पद एक बार फिर से राजस्थान के शेखावाटी क्षेत्र के हिस्से आने जा रहा है। इससे पहले ही यहां के सियासत दां राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, उप प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष, उप मुख्यमंत्री रहे चुके हैं।
प्रतिभा पाटिल- देश की पहली महिला राष्ट्रपति
देश की 12वीं राषट्रपति प्रतिभा देवी सिंह पाटिल 2007 से लेकर 2012 तक राष्ट्रपति पद को सुशोभित किया। इससे पहले यह राजस्थान की ही राज्यपाल भी रहीं। यह सीकर जिले की छोटी लोसल कस्बे की बहूं हैं। यह देश की पहली महिला राष्ट्रपति रहीं। मूलतः यह महाराष्ट्र से आती हैं। इनके पति डाॅक्टर देवीसिंह का जन्म छोटी लोसल में ही हुआ था। इनके पिता रणसिंह रोजगार और कपास के कारोबार के लिए परिवार सहित महाराष्ट्र में नदी किनारे बसे चंद्रपुर गांव चले गए। महाराष्ट्र में 1965 में देवीसिंह का विवाह प्रतिभा पाटिल से हुआ। राष्ट्रपति बनने के बाद प्रतिभा पाटिल छोटी लोसल भी आईं।
भैरों सिंह शेखावत-उपराष्ट्रपति
सीकर जिले के खाचरियावास गांव के भैरो सिंह शेखावत मुख्यमंत्री से लेकर उपराष्ट्रपति पद तक पहुंचे। भैरोंसिंह शेखावत 2002 से 2007 तक वे उपराष्ट्रपति रहे। इनके पिता का नाम देवीसिंह शेखावत और माता का नाम बन्ने कँवर था। शेखावत ने प्राथमिक शिक्षा गांव और आगे की पढाई जोबनेर से की। इन्होंने पुलिस की नौकरी की लेकिन त्यागपत्र देकर खेती करने लगे। राजस्थान में 1952 में विधानसभा की स्थापना हुई। राजनीति में भाग्य आजमाया और विधायक चुने गए। भैरो सिंह शेखावत भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता और दस बार विधायक रहे। 1974 से 1977 तक राज्य सभा के सदस्य भी रहे।जून 1977 में राजस्थान के मुख्यमंत्री पद को भी इन्होंने सुषोभित किया। इन्हें के परिवार से आने वाले प्रताप सिंह खचारियावास मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार में खाद्य एवं रसद मंत्री हैं।
चौधरी देवीलाल-सीकर की सियासत से शिखर पर
हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री देवीलाल चौधरी को देश की राजनीति में सीकर ने शिखर पर पहुंचा दिया। वह यहीं से सांसद बनने के बाद दिल्ली की राजनीति में बेहतर तरीके से सक्रिय हुए और जब सियासत के सुरों ने अलग तान छेड़ी तो देवी लाल दिग्गज बनकर उप प्रधानमंत्री पद पर जा पहुंचे। चौधरी देवीलाल सन 1989 में देश के उपप्रधानमंत्री बने। 1989 में राजस्थान के सीकर और रोहतक संसदीय सीट से लोकसभा का चुनाव लड़ा और दोनों ही सीटों से जीत दर्ज की। ताऊ देवीलाल के नाम से प्रसिद्ध चौधरी 1989 से 1991 तक उप प्रधानमंत्री रहे। चौधरी सिरसा हरियाणा के रहने वाले थे।
बलराम जाखड़-लोकसभा अध्यक्ष
इस समय देश की संसद में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिड़ला हैं लेकिन राजस्थान की सरजमीं से बलराम जाखड़ ऐसे पहले नेता बने जिन्हें लोकसभा का अध्यक्ष बनाया गया। यह भी सीकर की सीट से ही लोकसभा चुनाव जीतकर संसद में पहुंचे थे। बलराम जाखड़ 1980 से 1989 तक लोकसभाध्यक्ष रहे। जाखड़ दो बार सीकर संसदीय क्षेत्र से चुने गए। रेल विकास में पिछड़े इस क्षेत्र में इन्होंने एक ट्रेन शुरू करवाई। जिसे बाद में लोगों ने जाखड़ ट्रेन नाम से प्रचारित कर दिया। जाखड़ मूलतःरू पंजाब के पंचकोसी गांव के थे।
नरोत्तम जोशी-राजस्थान विधानसभा के पहले अध्यक्ष
राजस्थान की राजनीति में शेखावाटी का दबदबा रहा। झुंझुनूं के नरोत्तम जोशी राजस्थान विधानसभा के पहले अध्यक्ष बने। रतनगढ़ से जितने वाले हरिशंकर भाभड़ा दो बार विधानसभाध्यक्ष और एक बार उप मुख्यमंत्री भी रहे। श्रीमाधोपुर के दीपेंद्रसिंह शेखावत और झुंझुनूं की सुमित्रासिंह भी विधानसभाध्यक्ष रहीं।
कमला बेनीवाल-राजस्थान की पहली महिला मंत्री
पूर्व राज्यपाल कमला बेनीवाल मिजोरम, गुजरात और त्रिपुरा की राज्यपाल रह चुकी है। 1954 में 27 साल की उम्र में विधानसभा चुनाव जीतकर कमला राजस्थान सरकार में पहली महिला मंत्री बनीं। ये सात बार विधायक रहीं। कमला बेनीवाल राजस्थान में उप मुख्यमंत्री भी रहीं।
जगदीप धनखड़-उप राष्ट्रपति के उम्मीदवार
सैनिक स्कूल चितौडगढ़ से निकले जगदीप धनखड़ ने कानून का क्षेत्र हो या राजनीति दोनों में ही नाम कमाया। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के कार्यकाल में राज्यमंत्री रहे तो प्रधानमंत्री मोदी के कार्यकाल में राज्यपाल बनाए गए। वह भी पश्चिम बंगाल में। यहां तमाम विवादों से लड़ते हुए राज्यपाल के तौर पर एक बेहतरीन राज्य सत्ता को स्थापित की। इसके बाद वह अब उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।