हाईटेक सिटी में हाईटेक टाउनशिप, आइटी, फिनटेक, फाइनेंशियल मैनेजमेंट सहित कई आधुनिक तकनीक पर काम करने वाली संस्थानों को इसमें स्थापित किया जाएगा। ऐसा करने से न सिर्फ शहर की अर्थव्यवस्था का पहिया तेज गति से घूमेगा, बल्कि हजारों युवाओं को रोजगार भी मिलेगा। अभी आइटी क्षेत्र से जुड़े युवा हैदराबाद, अहमदाबाद, गुरुग्राम सहित अन्य शहरों की रुख कर रहे हैं। गौरतलब है कि फरवरी में राज्य सरकार ने अपने पहले बजट लेखानुदान में हाईटेक सिटी की घोषणा की थी।
ये होगा -भविष्य में देश-विदेश की कम्पनियां हाईटेक सिटी में निवेश करेंगी। इससे रोजगार के द्वार खुलेंगे। -आइटी हब, साइबर सिटी सहित स्टार्टअप शुरू किए जाएंगे। एक्सपर्ट मानते हैं कि अहमदाबाद की गिफ्ट सिटी के काम में तेजी आते ही वहां के रियल एस्टेट मार्केट में भी ग्रोथ हुई है।
हाईटेक सिटी पर प्रजेंटेशन नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव वैभव गालरिया को बीते दिनों बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) ने हाईटेक सिटी को लेकर प्रजेंटेशन दिया। प्रोजेक्ट लीडर रमन ने हाईटेक सिटी विकसित करने के विकल्पों, इसके लाभ और रोजगार को लेकर जानकारी दी। प्रजेंटेशन के दौरान उन्होंने शहर से हाईटेक सिटी की कनेक्टिविटी, मिक्स यूज जोनिंग, सोशल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट सिटी इन्फ्रास्ट्रक्चर, क्वालिटी यूटीलिटी इंफ्रास्ट्रक्चर आदि के बारे में जानकारी दी।
बैठक में बताया गया कि हाईटेक सिटी को पहचान दिलाने के लिए सरकार रियायत दे ताकि निवेश के लिहाज से कम्पनियां आएं। निवेशकों, डपलपर्स से सम्पर्क साधा जाए। उनको प्रोत्साहित किया जाए। बैठक में वैभव गालरिया ने बताया कि फागी, चाकसू और आगरा रोड पर जमीन का सर्वेक्षण करवाया जा रहा है।
दो बड़ी हाईटेक सिटी 1- गिफ्ट सिटी -अहमदाबाद के गिफ्ट सिटी में अभी 450 से अधिक कम्पनियां हैं और यहां 20 हजार से अधिक युवाओं को रोजगार मिल रहा है। वर्ष 2020 में यहां 129 कंपनियां थीं।
2- साइबराबाद आइटी क्षेत्र में हैदराबाद ने देशभर में अलग पहचान बनाई है। साइबराबाद के आइटी कॉरिडोर में माइक्रोसॉफ्ट, विप्रो, टीसीएस से लेकर इंफोसिस जैसी नामी कम्पनियों के कार्यालय हैं। आइटी क्षेत्र के काम करने वाले हर युवा का सपना साइबराबाद में काम करने का होता है।
जुलाई में जेडीए भेज चुका सरकार को रिपोर्ट जेडीए की एक टीम ने अहमदाबाद, पुणे और हैदराबाद का दौरा किया। रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जा चुकी है। फागी में जेडीए के पास करीब 400 हेक्टेयर जमीन उपलब्ध है। वहीं, आगरा रोड स्थित रिंग रोड के पास जेडीए की 100 हेक्टेयर जमीन है। वहीं, बस्सी में जेडीए के पास जमीन कम है। यहां जमीन अवाप्त करनी पड़ेगी।