वर्तमान में स्कूलों में दूध वितरण योजना संचालित है, लेकिन योजना के तहत कई तरह की खामियां सामने आ रही है। वर्तमान में स्कूलों में दूध पाउडर की सप्लाई की जाती हैं, इसके बाद स्कूलों में ही बच्चों को दूध तैयार कर वितरित किया जाता है। लेकिन प्रदेश में कई स्कूलों में दूध पाउडर की सप्लाई नियमित नहीं हो रही है तो कई स्कूलों में बच्चे पाउडर दूध पसंद नहीं कर रहे हैं।
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि स्कूलों में संचालित दूध योजना में कई खामियां सामने आ रही है। मैंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को योजना के तहत वितरित किए जाने वाले दूध का विकल्प तलाशने के निर्देश दिए हैं। बच्चों को इससे बेहतर और क्या दिया जा सकता है, इस पर विचार किया जा रहा है।
कांग्रेस सरकार ने नवंबर 2022 में मुख्यमंत्री बाल गोपाल योजना की शुरुआत की थी। योजना के तहत सप्ताह में दो दिन मंगलवार और शुक्रवार दूध वितरण किया जाता था। इसके बाद वर्ष 2023 में सरकार ने बजट में स्कूलों में नियमित दूध वितरण करने की घोषणा कर दी। इसके बाद से आठवीं तक के बच्चों को नियमित दूध वितरण किया जाता है।
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शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ अशोक गुप्ता का कहना है कि छोटे बच्चों को अच्छा पोषण देने के लिए उचित मात्रा में कैलोरी और प्रोटीन की जरुरत होती है। सरकार ऐसा विकल्प तलाशे जो आसानी से बांटा जा सके और उसे अधिक समय तक स्टोर किया जा सके।