जयपुर

दिनभर बरसा भक्ति रस, रातभर निकलेगा नगर कीर्तन, ढूंढाड़ी संस्कृति होगी साकार

Prembhaya festival : श्रीप्रेमभाया महोत्सव के तहत 83वें चार दिवसीय भक्ति संगीत समारोह में ढूंढाड़ी परम्परा साकार हो रही है। दिनभर जहां भक्ति रस बरस रहा है, वहीं जयपुर की गलियों से पूरी रात नगर संकीर्तन निकाला जाएगा।

जयपुरMar 18, 2023 / 03:10 pm

Girraj Sharma

दिनभर बरसा भक्ति रस, रातभर निकलेगा नगर कीर्तन, ढूंढाड़ी संस्कृति होगी साकार

जयपुर। श्रीप्रेमभाया महोत्सव के तहत 83वें चार दिवसीय भक्ति संगीत समारोह में ढूंढाड़ी परम्परा साकार हो रही है। दिनभर जहां भक्ति रस बरस रहा है, वहीं जयपुर की गलियों से पूरी रात नगर संकीर्तन निकाला जाएगा। भक्त संकीर्तन करते हुए प्रेमभाया के ढूंढाड़ी भाषा के भजनों की प्रस्तुति देते हुए आगे बढ़ेंगे। 83 साल पहले पं. युगल किशोर शास्त्री ने जिस ढूंढाड़ी भाषा और विरासत को दोहों और पदों में सहेजने का कार्य किया, उन्हें दोहराया जाएगा।

नगर संकीर्तन शाम 7 बजे युगल कुटीर से रवाना होगा, जो परकोटे के बाजारों और गलियों से निकलेगा। जयलाल मुंशी का रास्ता, गोपीनाथजी का मंदिर, बाहर भाइयों का चौराहा, नाहरगढ़ रोड, चांदपोल बाजार, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया बाजार, बड़ी चौपड़, जौहरी बाजार, गोपालजी का रास्ता, बोरडी का रास्ता, अजायबघर का रास्ता, खूंटेटों का रास्ता होते हुए नगर कीर्तन 19 मार्च को सुबह वापस युगल कुटीर पहुंचेगा। नगर कीर्तन में भक्त पैदल संकीर्तन करते हुए निकलेंगे।

 

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प्रेमभाया सरकार की भक्ति की अलख 83 साल बाद भी जीवंत
श्रीकृष्ण के बालस्वरूप को ढूंढाड़ी भाषा में श्री प्रेमभाया सरकार नाम देकर भक्ति की जो अलख जगाई, वह आज भी 83 साल बाद जीवंत है। यह अलख आज नगर कीर्तन के रूप में साकार हो रही है।

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