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मेराथन में देशभर से 100 लोगों ने लिया हिस्सा
लद्दाख की पैंगोंग झील 13 हजार 862 फीट ऊंचाई पर है जो बर्फ से जमी हुई है। सर्दियों के दौरान यहां का तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक रिकार्ड किया जा चुका है। इस झील पर हॉफ मैराथन का आयोजन पहली बार हुआ। जिसमें देशभर से 100 लोगों ने हिस्सा लिया जिसमें 8 महिलाएं थी। इस मेराथन में राजस्थान से सिर्फ एक ही व्यक्ति प्रतीक ने हिस्सा लिया था। मैराथन के समय तापमान माइनस में था और ज्यादा ठंड के कारण प्रतीक का शरीर जमने लगा था और घावों में से खून भी निकला। मैराथन में सुरक्षा के भी सारे इंतजाम किए गए थे और मेडिकल टीम भी मौजूद थी।
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पेशे से इंजीनियर है प्रतीक
अजमेर के शालीमार्ग कॉलोनी में रहने वाले प्रतीक पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। प्रतीक ने दुनिया की सबसे ऊंची झील पर 21 किलोमीटर दौड़ कर अपना नाम गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज कराया। उनके पिता राजेश खंडेलवाल रेलवे से रिटायर्ड हैं। केदारनाथ जाने के बाद से ही उनको पहाड़ों पर जाने का शौक लगा। उन्हें घूमना,तैरना, साइक्लिंग करना और पहाड़ों पर चढ़ना पसंद हैं।