कोर्ट ने कहा कि शादी का प्रमाण पत्र 30 मई 2023 का है, जबकि पहले से संबंध होने के कारण शादी से पूर्व ही उनकी संतान हो चुकी। इस मामले में सहमति से संबंध बनाना भी बलात्कार था, क्योंकि नाबालिग की सहमति का कानून में कोई महत्व नहीं है। इस पर कोर्ट ने राहत देने से इनकार कर दिया।
जयपुर में नशीला जूस पिलाकर सहकर्मी ने बेहोशी की हालत में किया युवती से रेप
विशेष लोक अभियोजक विजया पारीक ने कोर्ट को बताया कि पीड़िता के पिता ने 23 अगस्त 2020 को रिपोर्ट दर्ज कराई। रिपोर्ट में नाबालिग बेटी को परेशान करने की शिकायत की गई। आरोप लगाया कि देर रात पीड़िता को बहला-फुसलाकर साथ ले जाया गया और उससे गलत काम किया। पीड़िता की हत्या का अंदेशा जताया गया। करीब ढाई महीने बाद सीकर से पीड़िता को बरामद किया गया। सुनवाई के दौरान पीड़िता ने कोर्ट को बताया कि वह सहेली के पास सीकर गई थी। उसके पापा शादी कर रहे थे, इस पर उसके प्रेमी की मां ने उसे अपने पास रख लिया। वह उन्हीं के पास सोती थी और प्रेमी ने उसके साथ कुछ गलत नहीं किया। वहीं बचाव पक्ष ने कहा कि पीड़िता से विवाह कर लिया है, ऐसे में दोष मुक्त किया जाए। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट को बताया कि डीएनए जांच से दोनों के बीच संबंध बनना सामने आया है। पीड़िता के वयस्क होने पर उससे शादी की गई, जबकि बलात्कार पीड़िता के नाबालिग रहने के दौरान हुआ। ऐसे में पति को दोषी मानते हुए नाबालिग से बलात्कार के मामले में सजा सुनाई गई।