जयपुर

बिजली उपभोक्ताओं को लगेगा बड़ा झटका, प्रदेश में बिजली उत्पादन के लिए गहराया कोयला संकट

Electricity Crisis: प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट में कोयला संकट गहराता जा रहा है। 23 यूनिट में से दस में केवल एक दिन का कोयला बचा है। इनसे हर दिन 2500 मेगावाट बिजली मिल रही है।

जयपुरJan 16, 2024 / 09:36 am

Akshita Deora

Rajasthan News: प्रदेश के थर्मल पावर प्लांट में कोयला संकट गहराता जा रहा है। 23 यूनिट में से दस में केवल एक दिन का कोयला बचा है। इनसे हर दिन 2500 मेगावाट बिजली मिल रही है। इसके अलावा बाकी यूनिट में भी 2 से 4 दिन के कोयले का स्टॉक है। इस बीच छत्तीसगढ़ में आवंटित खदान से खनन में एक बार फिर अड़ंगा लगने से परेशानी और बढ़ गई है।

ऐसे हालात में प्रदेश को बिजली संकट से बचाने के लिए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय और केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी को पत्र लिखकर सहयोग की जरूरत जताई है। अभी पावर प्लांट के लिए हर दिन करीब 28000 मीट्रिक टन कोयले की कमी है। एक दिन भी कोयला सप्लाई रुकी तो यूनिट से उत्पादन ठप हो जाएगा। अतिरिक्त कोयला के लिए कोल इंडिया कंपनी को कहा गया है।

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किस प्लांट में कितने दिन का स्टॉक
-छबड़ा पावर प्लांट- 1 दिन
-सूरतगढ प्लांट- 1 दिन
-कालीसिंध प्लांट- 3 दिन
-सूरतगढ सुपरक्रिटिकल- 4 दिन
-कोटा थमल- 2 दिन
-छबड़ा सुपरक्रिटिकल- 4 दिन

सीएम ने इन्हें लिखा है पत्र
1. प्रल्हाद जोशी, केंद्रीय कोयला मंत्री- कोल इंडिया से हर दिन 11.33 रैक सप्लाई का अनुबंद है, लेकिन छत्तीसगढ़ स्थित खदान से खनन नहीं होने के कारण यहां से औसतन 16 रैक मिल रही है। हर दिन 21 रैक की जरूरत है। जोशी को फिलहाल 23 रैक उपलब्ध कराने की जरूरत जताई है, ताकि स्टॉक भी बढ़ाया जा सके। एक रैक में 4 हजार मीट्रिक टक कोयला आता है।
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2. विष्णुदेव सहाय, सीएम, छत्तीसगढ़- परसा इस्ट कांता में खनन के लिए अतिरिक्त खदान दी गई है। 91 हेक्टेयर में से 70 हेक्टेयर में पेड़ों की कटाई हो चुकी है। इसमें से अभी केवल 26 हेक्टेयर जमीन ही दी गई है। यहां खनन शुरू नहीं हो पा रहा है। कुछ स्थानीय एनजीओ का विरोध है। जल्द से जल्द खनन शुरू कराने की जरूरत। यहां से हर वर्ष 15 मिलियन टन कोयला मिलने की राह खुलेगी।

संकट टालने के तीन प्लान
1. उत्तर प्रदेश, गोआ, तमिलनाडु की बिजली वितरण कंपनियों से करीब 2500 मेगावाट तक बिजली बैंकिंग प्रक्रिया के तहत ली जा रही है। इसे बढ़ाने की तैयारी।
2. एक्सचेंज में 300 मेगावाट तक बिजली लेने की प्लानिंग।
3. जिन पावर प्लांट में नियमित कोयला आ रहा है और स्टॉक है, वहां से ज्यादा बिजली उत्पादन।

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