जब लोग गाड़ी खरीदने जाते हैं तो घर में गाड़ी के लिए पार्किंग होने का झूठा शपथ पत्र देते हैं। परिवहन विभाग के अधिकारी कभी भी घर पर आकर पार्किंग स्पेस नहीं देखते। कई घरों में तो चार से लेकर पांच गाडि़यां हैं। ऐसे में दो-तीन गाडि़यां घर में खड़ी होती हैं और बाकी गाडि़यां घर के बाहर सड़क पर खड़ी हो जाती हैं।
– शहर के ज्यादातर तिराहे और चौराहे से 20 मीटर के दायरे में ही सिटी बसें और निजी बसें खड़ी होती हैं। इससे यातायात बाधित होता है।
– सुलभ सार्वजनिक परिवहन न होना भी वाहन खरीद की बड़ी वजह
– जितने वाहन रोज नए, उसकी तुलना में शहर में विकसित ही नहीं हो पा रहे पार्किंग स्थल
– सड़कों पर वाहन हो जाते हैं खड़े…जेडीए नो पार्किंग का बोर्ड लगा भूल जाता और पुलिस कार्रवाई के नाम पर करती दिखावा
– यदि यातायात पुलिस चौराहे और तिराहे से 100 मीटर दूर इन बसों को रुकवाए तो जाम नहीं लगेगा।
– सहकार मार्ग से जब वाहन अंडरपास होते हुए टोंक रोड पर आते हैं तो सामने ही बस स्टैंड बना है। वहां पर यात्री और बसें खड़ी रहती हैं।
– यदि इस बस स्टैंड को अंडरपास (टोंक रोड) से पहले शिफ्ट कर दिया जाए तो वाहनों की राह सुगम हो सकती है।
– चौगान स्टेडियम: स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट ने पार्किंग विकसित की। यहां 400 चार पहिया और इतने ही दुपहिया वाहन खड़े होने की व्यवस्था है।
– सूरजपोल अनाज मंडी: 400 दुपहिया और 250 से अधिक चार पहिया गाड़ी खड़ी करने की जगह है।
– रामनिवास बाग: करीब तीन हजार चार पहिया वाहन खड़े करने की व्यवस्था है।
– जयपुरिया अस्पताल: भूमिगत पार्किंग में 300 चार पहिया और 400 के दो पहिया वाहन खड़े किए जा सकते हैं।
नगर निगम ने पीपीपी मोड पर सी स्कीम से गुजरने वाले नाले पर हाइड्रोलिक पार्किंग बनवाई। यहां 400 चार पहिया वाहन खड़े करने की व्यवस्था है। इस तरह की पार्किंग शहर के अन्य नालों के ऊपर भी विकसित की जा सकती है। इससे नाले की समस्या भी दूर हो जाएगी और गाडिय़ां खड़ी करने के लिए पार्किंग स्पेस भी मिल सकेगा।
शहर में कई जगह नो पार्किंग के बोर्ड लगे हुए हैं, लेकिन इन बोर्ड के आस-पास ही वाहन खड़े हुए दिख जाएंगे। सुगम यातायात में खड़े वाहन परेशानी पैदा करते हैं, लेकिन यातायात पुलिस कार्रवाई के नाम पर रोज शहर भर से 75 चौपहिया वाहन और 150 से अधिक दोपहिया वाहन ही नो पार्किंग जोन से उठा पाती है।