जयपुर

पार्कों का ये हालः वॉक-वे उखड़े, खुले तार दे रहे झटके…घूमना-सांस लेना दूभर

शहर के ऑक्सीजोन कहे जाने वाले पार्कों का बुरा हाल है। ग्रीनरी तो ठीकठाक है, लेकिन वॉक वे टूटे हैं और बिजली के खुले तार हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। ऐसे में सुबह जब लोग सैर करने जाते हैं तो खुली हवा में सांस लेने से पहले पार्क में फैली समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।

जयपुरJun 11, 2023 / 01:19 pm

Ashwani Kumar

पार्कों का ये हालः वॉक-वे उखड़े, खुले तार दे रहे झटके…घूमना-सांस लेना दूभर

अश्विनी भदौरिया.जयपुर. शहर के ऑक्सीजोन कहे जाने वाले पार्कों का बुरा हाल है। ग्रीनरी तो ठीकठाक है, लेकिन वॉक वे टूटे हैं और बिजली के खुले तार हादसों को आमंत्रण दे रहे हैं। ऐसे में सुबह जब लोग सैर करने जाते हैं तो खुली हवा में सांस लेने से पहले पार्क में फैली समस्याओं से दो-चार होना पड़ता है।
जेडीए का ध्यान बड़े पार्कों पर रहता है। छोटे पार्कों को शहरी सरकार भी भूल गई है। निगम की शाखाओं में आपसी तालमेल न होने का खमियाजा शहर की लाखों आबादी उठा रही है।
क्या करें कोई सुनता ही नहीं

-मानसरोवर, सेक्टर 77 के टैगोर पार्क में कई माह से वॉक वे उखड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों को परेशानी हो रही है। निगम में कई बार शिकायत की, लेकिन अब तक सुनवाई नहीं हुई।
-जोरावर सिंह गेट स्थित पंडित सुरेश शर्मा स्मृति पार्क में बिजली के तार खुले पड़े हैं। इनकी मरम्मत का कोई इंतजाम विद्युत शाखा ने नहीं किया है।

-एसएफएस, अग्रवाल फार्म स्थित पार्क में वॉक वे कई माह से अधूरा पड़ा है। वॉक पर लगी टाइल्स भी उखड़ रही हैं। सुबह जब लोग घूमने आते हैं तो उनको परेशानी होती है।
-अजमेर रोड स्थित वर्धमान नगर-बी के पार्क में ठेकेदार ही ट्रैक और लोहे का गेट उखाड़ ले गया। लोगों ने जेडीए में शिकायत की, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।

ऐसा होता है काम
1-पार्क में पौधे लगाने से लेकर उनकी देखरेख का काम उद्यान शाखा ठेकेदारों के जरिए करवाती है।

2-वॉक वे का निर्माण सहित अन्य सिविल वर्क जोन स्तर पर एक्सईएन करवाते हैं।

3-पार्क में लाइट और खुले तारों का रख-रखाव विद्युत शाखा के जिम्मे है।
हो ये रहा: कुछ पौधे तो निगम लगवा देता है और स्थानीय विकास समितियों के सहयोग से भी पार्क में खूब पौधे लग जाते हैं। लेकिन सिविल वर्क को लेकर जोन स्तर पर लापरवाही होती है। बजट की कमी से भी सिविल वर्क नहीं हो पाते। कई बार तो छोटे काम भी कई महीने बाद होते हैं।
तो बेहतर हो व्यवस्था

उद्यान शाखा की तरह यदि सिविल वर्क और विद्युत शाखा का काम भी मुख्यालय स्तर पर होने लगे तो एक ही जगह से तीनों काम हो जाएं। इससे काम जल्द पूरा हो सकेगा और स्थानीय लोगों को भी परेशानी नहीं होगी।
ये हैं जिम्मेदार

-कन्हैया लाल शर्मा, वरिष्ठ उद्यानविज्ञ, जेडीए

-रवींद्र सिंह, उद्यानविज्ञ, ग्रेटर निगम

-आशीष कुमार, उपायुक्त, हैरिटेज निगम

-रूपाराम चौधरी, एक्सईएन लाइट, हैरिटेज निगम

-प्रदीप शर्मा, प्रमोद खींची, एक्सईएन, ग्रेटर निगम
-हेमेंद्र शर्मा, एक्सईएन, जेडीए

-दोनों निगम के सभी जोन के एक्सईएन

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