जयपुर

तालाब कर दिए सपाट… भूमाफिया ने बसा दी कॉलोनी, जेडीए की मौन स्वीकृति

तालाब की इस जमीन पर पिछले डेढ़-दो वर्ष से गुपचुप तरीके से भूखंडों के निर्माण कार्य चल रहे हैं। भूमाफिया ने तालाब को सपाट कर भूखंड सृजित कर दिए। ऐसे में माना जा रहा है कि भूमाफिया को जेडीए की मौन स्वीकृति मिली हुई है।

जयपुरMay 19, 2024 / 04:33 pm

Ashwani Kumar

जयपुर. राजधानी में तालाबों पर कब्जे कर अवैध कॉलोनियां विकसित की जा रही हैं। खोह नागोरियान क्षेत्र में बड़ली के तालाब में पिछले तीन-चार महीने में सड़कों का निर्माण हो गया और लोगों ने भूखंड खरीदकर बाउंड्रीवॉल तक बना ली। कुछ जगह तो मकान निर्माण का काम चल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक, तालाब की इस जमीन पर पिछले डेढ़-दो वर्ष से गुपचुप तरीके से भूखंडों के निर्माण कार्य चल रहे हैं। भूमाफिया ने तालाब को सपाट कर भूखंड सृजित कर दिए। ऐसे में माना जा रहा है कि भूमाफिया को जेडीए की मौन स्वीकृति मिली हुई है। तभी तो शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। वोट बैंक की फसल उगती देख किसी भी दल के नेता नहीं बोलते। हैरानी की बात यह है कि एक दो जगह तो भूमाफिया ने तालाब में बाउंड्रीवाल तक करवा ली।
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रिपोर्ट बनी…चली गई ठंडे बस्ते

शिकायत के बाद जेडीए में रिपोर्ट बनाई गई। रिपोर्ट में लिखा है कि तालाब की भूमि पर अलग-अलग गृह निर्माण सहकारी समितियों ने तीन कॉलोनियां अवैध रूप से सृजित की। जेडीए ने रिपोर्ट में माना कि उक्त योजना गैर अनुमोदित हैं और जेडीए के पास कोई रिकॉर्ड नहीं है। ऐसे में निमार्ण कार्य अवैध है। यह हिस्सा इकोलॉजिकल जोन में भी आता है।

कभी लबालब रहता था तालाब

स्थानीय लोगों ने बताया कि कुछ वर्ष पहले तक तालाब लबालब रहता था। तालाब में पानी से आस-पास के गांवों में जल स्तर भी ठीक था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में बहाव क्षेत्र क्षतिग्रस्त कर दिए और तालाब की जमीन पर अवैध कब्जा किए जाने लगा।

सैकड़ों तालाब हो गए गायब

-जानकारों की मानें तो सबसे ज्यादा तलाई पृथ्वीराज नगर क्षेत्र में थी। पिछले 20 वर्षों में अधिकतर तलाई खत्म हो गई। तालाब और इसके बहाव क्षेत्र में 500 से अधिक कॉलोनियां बस गईं। करणी पैलेस रोड की तलाई में पहले बरसात का पानी पहुंचता था। अब यह तलाई भी अतिक्रमण की भेंट चढ़ चुकी है।
– नाड़ी का फाटक पर तालाब ही गायब हो गया है। यहां से चरण नदी के बहाव क्षेत्र को पाटकर निर्माण कर दिए गए। आज भी मानसून में पानी दीवारों पर आकर टकराता है।
– हरमाड़ा नहर का अस्तित्व ही खत्म हो गया। गणेश नगर, श्याम नगर, श्याम मित्र कॉलोनी, शेखावाटी नगर, श्रीनिवास नगर सहित कई कॉलोनियां बस गईं।

मेरे पास कोई शिकायत नहीं आई है। यदि बहाव क्षेत्र और तालाब की जमीन पर कॉलोनी सृजित की जा रही है तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-महेंद्र शर्मा, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन शाखा

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