जोधपुर में एक्यूआई 342 और कोटा में 304 दर्ज किया गया। यह स्थिति दिवाली के अगले दिन पांच अक्टूबर की है। सभी जगह सामान्य दिनों की तुलना में बहुत ज्यादा प्रदूषण दर्ज किया गया है। गंभीर यह है कि ग्रीन पटाखे और चलाने का सीमित समय की बंदिश होने के बावजूद ऐसे हालात बने हैं।
2 से 6 नवम्बर तक प्रदूषण स्तर की स्थिति…
शहर——2 नवम्बर— 3 नवम्बर— 4 नवम्बर——5 नवम्बर——6 नवम्बर
अजमेर— 120— 146— 172— 256— 164
अलवर— 94— 108— 173— 262— 203
भिवाड़ी— 245— 253— 335— 418— 390
जयपुर— 139— 173— 274— 401— 274
जोधपुर— 211— 289— 225— 342— 268
कोटा— 186— 207— 199— 304— 315
पाली— 112— 107— 154— 218— 159
उदयपुर— 133— 141— 166— 246— 250
शहर——2 नवम्बर— 3 नवम्बर— 4 नवम्बर——5 नवम्बर——6 नवम्बर
अजमेर— 120— 146— 172— 256— 164
अलवर— 94— 108— 173— 262— 203
भिवाड़ी— 245— 253— 335— 418— 390
जयपुर— 139— 173— 274— 401— 274
जोधपुर— 211— 289— 225— 342— 268
कोटा— 186— 207— 199— 304— 315
पाली— 112— 107— 154— 218— 159
उदयपुर— 133— 141— 166— 246— 250
इतना प्रतिशत बढ़ा प्रदूषण
अजमेर— 213 प्रतिशत
अलवर— 278 प्रतिशत
भिवाड़ी— 170 प्रतिशत
जयपुर— 288 प्रतिशत
जोधपुर— 162 प्रतिशत
कोटा— 163 प्रतिशत
पाली— 194 प्रतिशत
उदयपुर— 184 प्रतिशत
(यह तुलना 2 नवम्बर और दिवाली की रात के बाद यानि 5 नवम्बर को दर्ज एक्यूआई के आंकड़ों के आधार पर है)
अजमेर— 213 प्रतिशत
अलवर— 278 प्रतिशत
भिवाड़ी— 170 प्रतिशत
जयपुर— 288 प्रतिशत
जोधपुर— 162 प्रतिशत
कोटा— 163 प्रतिशत
पाली— 194 प्रतिशत
उदयपुर— 184 प्रतिशत
(यह तुलना 2 नवम्बर और दिवाली की रात के बाद यानि 5 नवम्बर को दर्ज एक्यूआई के आंकड़ों के आधार पर है)
यह है मानक (एक्यूआई)
0 से 50— अच्छा
51 से 100— संतोषजनक
101 से 200— मोडरेट
201 से 300— खराब
301 से 400— बहुत खराब
401 से 500— गंभीर अस्थमा, सांस रोगियों के लिए खतरनाक
कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता जहरीली सी हो गई है। इससे सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 100 से अधिक का एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और इनमें भिवाड़ी, जयपुर में तो 250 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।
0 से 50— अच्छा
51 से 100— संतोषजनक
101 से 200— मोडरेट
201 से 300— खराब
301 से 400— बहुत खराब
401 से 500— गंभीर अस्थमा, सांस रोगियों के लिए खतरनाक
कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता जहरीली सी हो गई है। इससे सांस की बीमारियों से जूझ रहे लोगों को गंभीर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। 100 से अधिक का एक्यूआई स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है और इनमें भिवाड़ी, जयपुर में तो 250 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है।