जयपुर

माकन-गहलोत के बीच सबकुछ ठीक नहीं, प्रभारी के रिट्वीट ने बढ़ाई कांग्रेस में सियासी हलचल

– प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन के रिट्वीट के निकाले जा रहे कई सियासी मायने, रिट्वीट के जरिए संदेश, प्रभारी को आलाकमान के प्रतिनिधि के नाते मिलनी चाहिए अहमियत, प्रभारी होने के बावजूद अनदेखी से आहत हैं अजय माकन, पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट करके इरादे जता दिए अजय माकन ने

जयपुरJul 19, 2021 / 04:54 pm

firoz shaifi

फिरोज सैफी/जयपुर।

प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच सब कुछ ठीक-ठाक नहीं होने की चल रही अटकलों को अब बल मिलने लगा है। रविवार देर रात पंजाब कांग्रेस का फैसला होने के बाद एक पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट करके प्रदेश प्रभारी अजय माकन चर्चाओं में आ गए हैं। अजय माकन के रिट्वीट को लेकर कांग्रेस के सियासी गलियारों में भी चर्चाओं का माहौल है। अजय माकन की रिट्वीट के कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं।


आलाकमान के प्रतिनिधि होते हैं प्रभारी
सूत्रों की माने तो इस ट्वीट को अजय माकन की ओर से रिट्वीट करने की एक वजह यह भी है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी अजय माकन को अहमियत नहीं देते हैं, उससे अंदरखाने अजय माकन में नाराजगी बढ़ती जा रही थी । ऐसे में इस ट्वीट के जरिए साफ संकेत दिया है कि प्रदेश प्रभारी कांग्रेस आलाकमान के प्रतिनिधि होते हैं और उन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।

प्रदेश प्रभारी से नहीं मिले थे सीएम
दऱअसल कांग्रेस के सियासी हलकों में चल रही चर्चाओं की माने तो अजय माकन इसलिए भी नाराज हैं कि प्रदेश प्रभारी के नाते वे कई बार जयपुर आ चुके हैं लेकिन 2 दो मौके ऐसे भी आए हैं। जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से प्रभारी को ही मिलने का समय नहीं दिया गया, जबकि होना चाहिए था कि आलाकमान के प्रतिनिधि के नाते प्रभारी से सीएम गहलोत को मुलाकात करनी चाहिए थी।

हालांकि इस बार महंगाई के खिलाफ प्रदर्शनों और आउट इस कार्यक्रम को लेकर जयपुर आए प्रदेश प्रभारी अजय माकन की 2 दिन में 2 बार लगातार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लंबी वार्ता हुई थी लेकिन उससे पहले जयपुर दौरे पर आए माकन कई प्रयासों के बाद भी सीएम गहलोत से नहीं मिल पाए थे।

दरअसल अजय माकन ने जिस पत्रकार के ट्वीट को रिट्वीट किया है। उसमें लिखा है कि ‘किसी भी राज्य में कोई क्षत्रप अपने दम पर नहीं जीता है। गांधी-नेहरू परिवार के नाम पर ही गरीब, कमजोर वर्ग, आम आदमी का वोट मिलता है। चाहें अमरिंदर सिंह हो या गहलोत या फिर पहले शीला हों या कोई और मुख्यमंत्री बनते ही समझ लेते हैं कि उनकी वजह से पार्टी जीती है’।
https://twitter.com/shakeelNBT/status/1416802428494614530?ref_src=twsrc%5Etfw
इसी ट्वीट में आगे लिखा है कि ’20 साल से ज्यादा समय तक अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपना महत्व नहीं जताया। नतीजा यह हुआ कि वोट लाती थीं और कांग्रेसी अपने चमत्कार समझकर गैर जवाबदेही से काम करते थे और हार जाते थे तो ठीकरा राहुल पर और जीत का चेहरा खुद के माथे। नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर नेतृत्व ने सही किया है ताकत बताना जरूरी था’।

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