जयपुर, 17 अगस्त उच्च शिक्षा विभाग ( Higher Education Department ) ने नए शिक्षा सत्र (new academic session) में कॉलेजों में एडमिशन के लिए पॉलिसी (policy for admission) भी जारी कर दी है। जिसके अनुसार जिन अभ्यर्थियों के मातापिता या दोनों की तथा जिन महिला अभ्यर्थियों के पति की कोरोना से मौत हो गई है, उन्हें कॉलेज में स्नातक प्रथम वर्ष एवं स्नातकोत्तर पूर्वार्ध में न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश दिया जाएगा। ये सीटें स्वीकृत सीटों के अतिरिक्त मानी जाएंगी। एडमिशन 12वीं कक्षा के प्रतिशत के आधार पर ही होंगे। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सहशिक्षा कॉलेजों में छात्राओं को 3 प्रतिशत बोनस देने के साथ ही अंतराल संबंधी नियमों में छूट देने का प्रावधान भी कॉलेज शिक्षा ने किया है। जिन छात्रों ने 12वीं कक्षा अतिरिक्त विषय लेकर उत्तीर्ण की है, उनकी एडमिशन वरीयता निर्धारण के लिए सर्वाधिक अंकों वाले 5 विषयों के प्राप्तांकों को जोड़ा जाएगा, जिसमें एक भाषा को होना अनिवार्य है। ट्रांसजेंडर अभ्यार्थियों को उनके न्यूनतम उत्तीर्णांक पर प्रवेश दिया जाएगा। दसवीं कक्षा पास करने के बाद दो या दो से अधिक वर्ष का नेशनल काउसिंलग फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग से मान्यता प्राप्त कोर्स उत्तीर्ण करने और माध्यमिक शिक्षा बोर्ड राजस्थान और राजस्थान स्टेट ओपन स्कूल से 12वीं के लिए निर्धारित कोर्स के अनुसार अंग्रेजी विषय की परीक्षा पास कर लेते हैं तो उन्हें आगे की शिक्षा में प्रवेश के लिए के लिए 12वीं उत्तीर्ण के समकक्ष माना जाएगा। यह समकक्षता उसी स्थिति में देय होगी जब अंग्रेजी और आईटीआई की अंतिम वर्ष की परीक्षा एक ही वर्ष में उत्तीर्ण की हो या अंग्रेजी की परीक्षा आईटीआई करने के बाद उत्तीर्ण की हो।