डीसीपी (ईस्ट) तेजस्वनी गौतम ने बताया कि यह कार्रवाई प्रताप नगर के सेक्टर 8 में यूनिक एजुकेशन कंसल्टेंसी और एसएसआइटी सेंटर में की गई। यहां से बिहार निवासी विकास मिश्रा, सांगानेर के वाटिका विहार निवासी सत्यनारायण शर्मा और बहरोड़ निवासी विकास अग्रवाल को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
संदिग्ध मार्कशीट, डिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाने की सूचना
पुलिस को शहर के कुछ ई-मित्र संचालकों से संदिग्ध मार्कशीट, डिग्री और माइग्रेशन सर्टिफिकेट बनाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गई। पुलिस टीम को मौके से संदिग्ध डिग्री के साथ-साथ कई फर्जी स्टाम्प भी मिले। इनमें बच्चों के नाम से किराएनामे भी बने हुए हैं। यह स्थानीय निवासी दर्शाने के लिए फर्जी किरायानामा बनाते थे।
इन विवि की मिली डिग्रियां
पुलिस को मौके से बिहार मुक्त विद्यालयी शिक्षण एवं परीक्षा बोर्ड पटना, स्वामी विवेकानंद सुभारती यूनिवर्सिटी, मोनाद यूनिवर्सिटी, आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय पटना, वाईबीएन यूनिवर्सिटी रांची, बिहार विद्याालय परीक्षा समिति पटना, राजीव गांधी प्रोद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तरप्रदेश, राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान, चौधरी चरण सिंह विद्यालय मेरठ, अर्नी विश्वविद्यालय सहित कई विश्वविद्यालयों की संदिग्ध डिग्रियां मिली है। पुलिस संदिग्ध डिग्रियों की जांच में जुटी हुई है।