प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि नए कानून दण्ड पर नहीं न्याय पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि पुराना भूलो और नया पढ़ो। इसमें महिलाओं और बच्चों को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है। महिलाओं व बच्चों को जागरूक करें। उन्हें यह पता होना चाहिए कि नए कानून में उनके लिए क्या-क्या प्रावधान किए गए हैं। नए कानून को लेकर जानकारी परख वीडियो बनाकर प्रचारित भी किए जाने चाहिए। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि ‘मैं रहूं या न रहूं’ आप देखिएगा 2047 तक भारत विकसित राज्यों में आगे रहेगा।
सबसे अधिक मुस्लिम, यहां कोई परेशानी नहीं
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत में सभी धर्मों के लोग रहते हैं। सभी धर्मों को यहां सम्मान मिलता है। उन्होंने कहा कि विश्व में सबसे अधिक मुस्लिम आबादी भारत में रहती है। फिर भी यहां किसी को परेशानी नहीं है। कानून सबको समान अधिकार देता है। यही भारत की खूबी है।
सीमा क्षेत्र में हो स्मार्ट विलेज का चयन
प्रधानमंत्री ने कहा कि सीमा क्षेत्र के गांवों में पुलिस अधिकारियों को दौरे करने चाहिए। वहां स्मार्ट विलेज चिह्नित किए जाएं। सीमा क्षेत्र के गावों में इस तरह के गतिविधियां हों कि वहां के निवासियों को अपनत्व का अहसास हो। ताकि वे राष्ट्र के विकास में भी पूरी भागीदारी निभा सकें।
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समाज में तैयार करें साइबर कमांडो
प्रधानमंत्री ने कहा कि वर्तमान में समय में एआइ, डीपफेक, चेट जीटीपी जैसे नए बदलाव पुलिस के लिए चुनौती हैं। इनसे सम्भावित खतरों से निपटने के लिए टारगेट तय होने चाहिए। उन्होंने कहा कि पुलिस व अन्य एजेंसियों को अपनी बात हर आदमी तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया पर उनको अपनी रीच बढ़ानी होगी। समाज में साइबर सुरक्षा के लिए साइबर कमांडो बनाएं। समाज में कई ऐसे लोग हैं, जो साइबर अपराध के लिए खिलाफ सक्रिय हैं। उनकी तलाश करें और उन्हें ट्रेनिंग दें। ऐेसे लोग समाज के बीच रहकर लोगों को जागरूक करेंगे। आम लोगों को साइबर अपराध से बचाने के लिए यह कदम कारगर साबित होगा।
पुलिस जनता के बीच हो खेल आयोजन
प्रधानमंत्री ने पुलिस की छवि बदलने की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हर स्तर पर शिकायत की सुनवाई होनी चाहिए। शिकायत पर क्विक रिप्लाई देना चाहिए। सम्बंधित को यह पता होना चाहिए कि उसकी शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई। अधिकारियों से कहा कि वे निरंतर थानों में जाएं। लोगों के साथ पुलिसकर्मियों की समस्याओं पर भी गौर करें। पुलिसकर्मियों की फिटनेस को लेकर बोले कि योग करें। मैं पचास साल से योग कर रहा हूं। गारंटी देता हूं आपकी तनाव भरी नौकरी में योग काफी मददगार साबित होगा।
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मदरसों के साथ स्कूली शिक्षा भी जरूरी
सम्मेलन के तीसरे दिन एक सत्र के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि मदरसों के साथ स्कूली शिक्षा जरूरी है। उन्होंने श्रीनगर की एक छात्रा का जिक्र करते हुए कहा कि पहले यह छात्रा सुरक्षाकर्मियों पर पत्थर फेंकने की घटनाओं में आगे रहती थी। उसे चिह्नित कर उसकी स्कूली शिक्षा की व्यवस्था की। खेलकूद में उसकी रुचि थी। मौका मिला तो उसने नेशनल लेवल पर मेडल भी जीता। उन्होंने पुलिस अधिकारियों को कहा कि इस तरह के बच्चों पर नजर रखकर उन्हें सही रास्तों पर लाना है।