…………..उत्तर और दक्षिण सर्कल में चक्रीय बिलिंग व्यवस्था जयपुर शहर के दोनों सर्कल में सम-विषम चक्रीय व्यवस्था से बिल तैयार होते हैं और बंटते हैं। उत्तर में 2,4,6,8,10,12,14 और दक्षिण में 1, 3, 5, 7, 9, 11,13 की चक्रीय व्यवस्था में फरवरी से लेकर अप्रेल तक बिलों का वितरण नहीं हुआ। इस तरीके से पंजीकृत 4 लाख उपभोक्ताओं को दो चक्रों में पानी के बिलों का वितरण होता है।
नहीं की समय पर टेंडर प्रक्रिया पूरी पिछले वर्ष दिसंबर में फर्म का टैंडर खत्म हो गया। बाद में तीन माह का समय बढ़ाया गया। इस दौरान भी रीडिंग, बिलिंग और वितरण की व्यवस्था गड़बड़ाती रही। मामला उलझता देख कुछ समय पहले विभाग ने इस महीने फिर से टैंडर प्रक्रिया शुरू की।
…..गलती फर्म और अधिकारियों की, परेशान होंगे उपभोक्ता शहर में ऐसे भी उपभोक्ता हैं जिनको बीते छह महीने से पानी के बिल ही नहीं मिले हैं। फर्म अपनी बला टालने के लिए उपभोक्ताओं को कभी तीन तो कभी चार महीने के बिल थोप देती है। ऐसे में पेयजल उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त भार आता है और उनको बिल भरने में परेशानी होती है।
………… वर्जन पुरानी फर्म का टेंडर खत्म हो गया है। ऐसे में बिल वितरण की व्यवस्था में कुछ बाधा आई है। उपभोक्ताओं को दो से तीन माह के बिल चक्रीय व्यवस्था के हिसाब से दो से तीन माह के एक साथ वितरित हो सकते हैं। एक सप्ताह में टैंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी और आगामी महीनों से उपभोक्ताओं को पानी के बिल समय पर मिलेंगे।
आरसी मीणा अतिरिक्त मुख्य अभियंता-जयपुर द्वितीय