राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि राजस्थान में वैट की दर पड़ोसी राज्यों से ज्यादा है, इसलिए राजस्थान में पंजाब और हरियाणा समेत पड़ोसी राज्यों के मुकाबले पेट्रोल—डीजल महंगे हैं। दूसरे राज्यों से सटी सीमा क्षेत्र के लोग राजस्थान के पेट्रोल पंप की बजाय दूसरे राज्यों से पेट्रोल—डीजल खरीदते हैं। इससे राजस्थान में पेट्रोल पंप संचालकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी तरह से राजस्थान के सभी जिलों में पेट्रोल-डीजल के भाव अलग-अलग है। इससे उपभोक्ताओं को नुकसान उठाना पड़ रहा है। राजस्थान के सभी लोगों को पड़ोसी राज्यों की तर्ज पर कम रेट में पेट्रोल-डीजल मिले, इसके लिए हड़ताल बुलाई गई है।
एसोसिएशन ने प्रदेश के सभी जिलों में पेट्रोल-डीजल की रेट लिस्ट ( Rate List)जारी करके बताया है कि हर जिले में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में अंतर है। श्रीगंगानगर जिले में पेट्रोल—डीजल सबसे महंगे हैं। श्रीगंगानगर में पेट्रोल 80 रूपए 65 पैसे प्रति लीटर है, तो डीजल 74 रूपए 45 पैसे। जबकि कोटा में पेट्रोल के भाव सबसे कम 76 रूपए 97 पैसे हैं और डीजल के दाम 71 रूपए 12 पैसे प्रति लीटर। जयपुर में पेट्रोल में 77 रूपए 21 पैसे और डीजल 71 रूपए 55 पैसे प्रति लीटर। इसे देखते हुए राजस्थान पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन ने प्रदेशभर में पेट्रोल डीजल के दाम एक समान करने और वैट की दरें पड़ोसी राज्यों के बराबर करने की मांग की है। इन्हीं दोनों मांगों को लेकर 24 घंटे की हड़ताल बुलाई गई है।