जयपुर

35 रुपए लीटर घटनी चाहिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें

अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम कम होने के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां इनकी महंगाई से झूलस रहे लोगों को राहत नहीं देना चाह रही है। जानकारों के अनुसार तेल अप्रेल के बाद से घरेलू दरें स्थिर है।

जयपुरDec 12, 2022 / 11:35 am

Narendra Singh Solanki

35 रुपए लीटर घटनी चाहिए पेट्रोल-डीजल की कीमतें

Petrol-Diesel Prices: अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल के दाम कम होने के बावजूद सरकारी तेल कंपनियां इनकी महंगाई से झूलस रहे लोगों को राहत नहीं देना चाह रही है। जानकारों के अनुसार तेल अप्रेल के बाद से घरेलू दरें स्थिर है। इसके कारण कंपनियों ने बाजार से कम कीमत पर तेल बेचा और भारी नुकसान हुआ था। अब कंपनियां ग्राहकों को वैश्विक मूल्य में गिरावट के लाभ देने से पहले अपने नुकसान की भरपाई में लगी हुई हैं। कच्चे तेल की कीमतें इस साल मार्च में 140 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गई थी। उसके बाद से 45 फीसदी गिरावट के साथ यह इस साल सबसे निचले स्तर 76 डॉलर प्रति बैरल के करीब कारोबार कर रहा है। आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार अगर, कच्चे तेल को लीटर और रुपए के हिसाब से अनुमान लगाएं तो कीमत 9 महीने में 35 रुपए प्रति लीटर से ज्यादा घटनी चाहिए। इसके बाद भी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में गिरावट देखने को नहीं मिली है। कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट इसलिए आ रही है, क्योंकि, रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद जो आपूर्ति की अनिश्चितता थी, वह अब फीकी पड़ गई है।

 

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ऐसे समझें गणित


ब्रेंट क्रूड का मौजूदा दाम 76.10 डॉलर प्रति बैरल यानी 6272.20 रुपए प्रति बैरल है। इसे प्रति लीटर के हिसाब से देखें तो 6272 रुपए में एक बैरल (एक बैरल मतलब 159 लीटर) होता है। यानी कीमत 39.45 रुपए लीटर हुई। मार्च के महीने में 140 लीटर प्रति बैरल यानी 11,538 रुपए प्रति बैरल को प्रति लीटर में करें तो यह 72.57 रुपए प्रति लीटर था।

 

छह महीने से नहीं बदले दाम


कच्चे तेल की कीमतें फिसलकर अब 76 डॉलर के आसपास आने के बावजूद पेट्रोल और डीजल की कीमतें सोमवार 12 दिसंबर 2022 को भी स्थिर रही। आखिरी बार पेट्रोल-डीजल की कीमत में राष्ट्रीय स्तर पर बदलाव 21 मई 2022 को किया गया था। तब केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 8 रुपए और डीजल पर 6 रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। जयपुर में अभी पेट्रोल के दाम 108.48 और डीजल के दाम 93.72 रुपए प्रति लीटर हैं। देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें 22 मार्च से बढ़नी शुरु हुई थी, उस दौरान 14 बार पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि की गई थी। तब इनके दामों में करीब 10 रुपए प्रति लीटर की तेजी आई थीए जिससे महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई।

 

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पिछले साल 9.45 रुपए महंगा हुआ था डीजल


पिछले साल सितंबर के बाद पेट्रोल के मुकाबले डीजल का बाजार ज्यादा तेज हुआ था। कारोबारी लिहाज से देखें तो, पेट्रोल के मुकाबले डीजल बनाना महंगा पड़ता है, लेकिन भारत के खुले बाजार में पेट्रोल महंगा बिकता है और डीजल सस्ता बिकता है। बीते साल 24 सितंबर से यहां जो डीजल में आग लगनी शुरू हुई थी, वह उत्पाद शुल्क में कटौती के बाद रुकी थी। सितंबर से दिवाली तक डीजल करीब 9.45 रुपए महंगा हो गया था।

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