जांच में जीका वायरस की पुष्टि होने के बाद चिकित्सा विभाग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। डॉ. माथुर ने यह भी स्पष्ट किया कि जिस मरीज में
जीका वायरस की पुष्टि हुई थी, उसकी मौत जीका के लक्षणों से संबंधित नहीं थी। उसकी मौत के कारण का पता लगाने के लिए नमूना नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे को भेजा है।
तीन दिन तक चला इलाज
सीएमएचओ डॉ विजय फौजदार ने बताया कि 66 साल के राजेंद्र 20 नवंबर को जयपुर के जेएलएन मार्ग स्थित एक प्राइवेट हॉस्पिटल में बुखार होने के बाद भर्ती हुए थे। यहां उसकी डॉक्टरों ने जांच करवाई तो जीका वायरस पॉजिटिव मिला। इसके अलावा इस मरीज को हाइपरटेंशन, हेपेटाइटिस और एचएलएच भी मिला है। तीन दिन इलाज के बाद राजेन्द्र ने दम तोड़ दिया।