दरअसल, प्रदेशभर में आरसीडीएफ की ओर से 10 जनवरी से अभियान शुरू किया गया जो 30 जनवरी तक चलेगा। पहले 13 दिन में 7299 सैंपल की जांच की गई। लोग खुले सैंपल लेकर जांच के लिए 200 स्थानों पर आयोजित शिविर में पहुंचे थे। इनमें 3475 सैंपल में पानी के मिलावट की पुष्टि हुई। यानी कुल 48.24 फीसदी सैंपल में पानी और 1.41 फीसदी सैंपल में केमिकल की मिलावट पाई गई है। राजधानी जयपुर की बात करें तो यहां अब तक 1365 सैंपल की जांच की गई।
इनमें से 682 सैंपल निर्धारित मानकों के अनुरूप नहीं पाए गए। यानी इनमें 49.97 फीसदी पानी की मिलावटी मिली है। शिविर में लोगों ने सरस दूध के सैंपल भी चैक करवाए थे। 345 सैंपल जांचे गए थे, उनमें एक भी सैंपल में मिलावट की पुष्टि नहीं हुई।
कार्रवाई के लिए लिखा पत्र
दूध में हो रही मिलावट को रोकने के लिए आरसीडीएफ की प्रबंध संचालक श्रुति भारद्वाज ने खाद्य आयुक्त को पत्र लिखा है। उन्होंने पत्र में इस तरह की गतिविधियों को रोकने व प्रभावी कार्रवाई करने की बात लिखी है।