scriptकोरोनाकाल में सेहत को लेकर ज्यादा सजग हुए लोग, बढ़ गई डिहाइड्रेड फूड्स और सुपर फूड्स की डिमांड | People became more conscious about health during the Corona period, after which the demand for dehydrated foods and super foods increased | Patrika News
जयपुर

कोरोनाकाल में सेहत को लेकर ज्यादा सजग हुए लोग, बढ़ गई डिहाइड्रेड फूड्स और सुपर फूड्स की डिमांड

कोरोनाकाल में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

जयपुरDec 08, 2024 / 09:47 pm

Manish Chaturvedi

जयपुर। कोरोनाकाल में लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। इस दौरान लोग अपनी सेहत को लेकर ज्यादा सजग हो गए तो उन्हें डिहाइड्रेड फूड्स और सुपर फूड्स के फायदे के बारे में मालूम चला। इसके बाद तो मांग और भी बढ़ गई। यह बात मेघा जैन ने कही। उन्होंने बताया कि साल 2012 में मेघा अपनी शादी की तैयारियों में बिजी थी। वो शादी के मेहमानों के लिए कुछ खास गिफ्ट ढूंढ रही थी। इसी दौरान उनकी नजर पड़ी डिहाइड्रेटेड फलों पर, जो उस समय इंडिया में महंगे दामों पर बिक रहे थे। ये प्रोडक्ट्स 2000 रुपए प्रति किलो के थे, जबकि विदेशों में ये काफी सस्ते थे। यही वो पल था जब मेघा के मन में ख्याल आया, क्यों न इन्हें इंडिया में सस्ते दाम पर बेचा जाएं।
2013 में मेघा ने दिल्ली के जीटी करनाल रोड पर केनी डिलाइट्स की शुरुआत की। पहले उन्होंने थाईलैंड से क्रैनबेरी, ब्लूबेरी और रेड बेरी इम्पोर्ट किए और उन्हें बेचना शुरू किया। जैसे-जैसे हेल्थ फूड का ट्रेंड बढ़ा, मेघा ने चिया सिड्स, क्विनोआ और गोजी बेरीज जैसे सुपर फूड्स भी अपने प्रोडक्ट्स में जोड़े। केनी डिलाइट्स के जरिए कई चीजों को नया मोड़ दिया। 2015 में वो मैक्सिको से चिया सिड्स की सबसे बड़ी इंपोर्टर बन गईं। इसके बाद उन्होंने पेरू सेक्विनोआ और गोजी बेरीज इम्पोर्ट करने की शुरुआत की। ये वो प्रोडक्ट्स थे जिन्हें इंडिया में उस समय कोई नहीं जानता था।
उनका लक्ष्य और भी बड़ा है। 2025 तक मेघा एक इंटीग्रेटेड फैक्ट्री खोलने की तैयारी कर रही हैं। जिसमें 2,500 मीट्रिक टन का कोल्ड स्टोरेज और तरबूज के बीज का छिलका लिन जैसी हाई-टेक सुविधाएं होंगी।

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