जयपुर। अगर आपको भी यह लगता है कि ईमानदारी और नैतिकता जैसे गुण अब खत्म होते जा रहे हैं तो आप गलत हैं। एक शोध में सामने आया कि दुनिया भर में लोगों ने अंजान लोगों को उनका पर्स और नकदी लौटाकर ईमानदारी और नैतिकता का परिचय दिया है। जैसे गुणों में वृद्धि हुई है। स्विट्जरलंैड के शोधकर्ताओं की एक टीम ने खाली पर्सों, नकदी और 400 चाबियों के साथ एक अनोखा परीक्षण किया। दरअसल शोधकर्ता यह जानना चाहते थे कि क्या लोग अब भी इतने ईमानदार हैं कि वे खोया हुआ पर्स या बैक्ग लोटा दें। वहीं शोधकर्ता इस बाता का भी पता लगाना चाहते थे कि बैग या पर्स में मौजूद रुपयों की मात्रा से इंसान की नीयत पर कोई फर्क पड़ता है या नहीं?
शोध में 40 देशों के 355 शहर इस शोध में शामिल थे। शोध के निष्कर्ष पता चला कि लोग अपने आप को नैतिक रूप से अच्छा व्यक्ति मानते हैं और इस छवि को बनाए रखना चाहते हैं। टीम का सदस्य यूरोपीय पर्यटक बनकर अंजान लोगों को खोया पर्स देता है। शोधकर्ताओं ने देखा कि ज्यादातर लोगों ने रुपयों से भरा पर्स लौटाने के लिए दिए गए नंबरों और पते पर संपर्क किया। 300 अर्थशास्त्रियों ने शोध से पहले कहा था कि अगर रुपयों की मात्रा ज्यादा हो तो लोगों के बेईमान होने की संभावना अधिक होती है।
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