प्रदेश के लाखों किसानों को ऋण माफी का तोहफा देने के बाद सरकार ने एक और बड़ा कदम आगे बढ़ाया है। राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा की गई घोषणा की अनुपालना में राजस्थान सामाजिक सुरक्षा वृद्धजन कृषक सम्मान पेंंशन नियम, 2019 जारी कर दिए हैं। ये नियम 1 मार्च, 2019 से लागू होंगे।
सीएम गहलोत ने प्रदेश के अन्नदाता किसान के वृद्धावस्था में सम्मान के साथ जीवन-यापन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए विधानसभा में इस योजना की घोषणा की थी। इन्हें ‘वृध्दजनों’ को मिलेगा लाभ
वृद्धजन कृषक सम्मान पेंंशन योजना के तहत, राजस्थान के मूल निवासी अथवा राजस्थान में रह रहे 55 वर्ष से अधिक आयु की लघु एवं सीमान्त महिला कृषक एवं 58 वर्ष से अधिक आयु के पुरूष कृषक, जिनकी जीवन निर्वाह के लिए स्वयं की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो, को 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलेंगे। 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर कृषकों को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
वृद्धजन कृषक सम्मान पेंंशन योजना के तहत, राजस्थान के मूल निवासी अथवा राजस्थान में रह रहे 55 वर्ष से अधिक आयु की लघु एवं सीमान्त महिला कृषक एवं 58 वर्ष से अधिक आयु के पुरूष कृषक, जिनकी जीवन निर्वाह के लिए स्वयं की नियमित आय का कोई स्रोत नहीं हो, को 750 रुपए प्रतिमाह पेंशन के रूप में मिलेंगे। 75 वर्ष से अधिक आयु के पेंशनर कृषकों को एक हजार रुपए प्रतिमाह पेंशन मिलेगी।
प्रदेश में करीब 30 लाख लघु एवं सीमान्त श्रेणी के वृद्धजन किसान हैं, जिनमें से करीब 19 लाख कृषक वर्तमान में विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ प्राप्त कर रहे हैं। ऐसे में, करीब 11 लाख लघु एवं सीमान्त वृद्धजन कृषक इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। योजना पर प्रतिवर्ष लगभग 990 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है।
वृद्धजन कृषक सम्मान पेंशन योजना सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग द्वारा लागू की जाएगी। योजना के लाभार्थी किसानों के लिए आवश्यक पात्रता संबंधी भूमि प्रमाण-पत्र निर्धारित प्रारूप में तहसीलदार अथवा अतिरिक्त तहसीलदार अथवा नायब तहसीलदार द्वारा आवेदन के 30 दिन में सत्यापित किया जाना अनिवार्य होगा।