इसके बावजूद रेलवे ने यहां जीआरपी या आरपीएफ थाना, चौकी नहीं खोली। ऐसे में स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे चल रही है। वर्तमान में खातीपुरा स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग गांधीनगर आरपीएफ थाना से की जा रही है। यहीं से खातीपुरा के लिए स्टाफ भेजा जाता है। पहले यह स्टेशन छोटा था, यात्रीभार और ट्रेनों का ठहराव कम था लेकिन अब यह प्रदेश का पहला सैटेलाइट स्टेशन बन गया है। अब इसे टर्मिनल स्टेशन बनाया जा रहा है। ऐसे में करीब 12 किलोमीटर दूर से स्टेशन की सुरक्षा व्यवस्था की मॉनिटरिंग करना आरपीएफ के लिए चुनौती से कम नहीं है।
Indian Railways News : इसलिए पड़ रही जरूरत
खातीपुरा स्टेशन को 187 करोड़ खर्च कर पहला सैटेलाइट स्टेशन बनाया गया है। यहां भव्य द्वार, फुट ओवर ब्रिज, पार्किंग, चार प्लेटफॉर्म और भव्य प्रशासनिक भवन बनाए गए हैं। इसका उद्देश्य जयपुर जंक्शन का भार कम करना था। ऐसे में यहां कई ट्रेनों के ठहराव शुरू किए गए हैं तो वीकली स्पेशल ट्रेनें भी दौड़ाई जा रही हैं। यहां से कई नई ट्रेनें भी शुरू होंगी। इसको देखते हुए यहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए।
खातीपुरा स्टेशन को 187 करोड़ खर्च कर पहला सैटेलाइट स्टेशन बनाया गया है। यहां भव्य द्वार, फुट ओवर ब्रिज, पार्किंग, चार प्लेटफॉर्म और भव्य प्रशासनिक भवन बनाए गए हैं। इसका उद्देश्य जयपुर जंक्शन का भार कम करना था। ऐसे में यहां कई ट्रेनों के ठहराव शुरू किए गए हैं तो वीकली स्पेशल ट्रेनें भी दौड़ाई जा रही हैं। यहां से कई नई ट्रेनें भी शुरू होंगी। इसको देखते हुए यहां सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता होनी चाहिए।
गांधीनगर ही जाना पड़ेगा
आए दिन ट्रेनों में चोरी, जेबतराशी व सीट को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में खातीपुरा स्टेशन पर यात्रियों के लिए शिकायत करने का कोई विकल्प नहीं है। अगर कोई घटना होती भी है तो शिकायत दर्ज करवाने के लिए यात्री को गांधीनगर स्टेशन स्थित आरपीएफ थाने जाना पड़ेगा।
आए दिन ट्रेनों में चोरी, जेबतराशी व सीट को लेकर विवाद सामने आ रहे हैं। ऐसी स्थिति में खातीपुरा स्टेशन पर यात्रियों के लिए शिकायत करने का कोई विकल्प नहीं है। अगर कोई घटना होती भी है तो शिकायत दर्ज करवाने के लिए यात्री को गांधीनगर स्टेशन स्थित आरपीएफ थाने जाना पड़ेगा।