मेडिको-लीगल एक्सपर्ट डॉ. श्रीगोपाल काबरा ने कंज्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट और आईपीसी के बारे में बताते हुए कहा कि सभी डॉक्टरों को इसकी जानकारी रखनी चाहिए। इससे डॉक्टरों पर लगने वाले मुकदमों से निपटा जा सकता है। रिटायर्ड जज उमाशंकर शर्मा ने कहा कि गलतियां सभी से होती हैं, लेकिन गलतियों में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को जिम्मेदारी और लापरवाही की कीमत समझने की जरूरत है। इस दौरान स्टूडेंट्स ने विशेषज्ञों से सवाल-जवाब भी किए। कार्यक्रम का संचालन शैलेन्द्र शर्मा ने किया।
इस तरह जोखिमों से बचा जा सकता है
एडीजीपी बिपिन कुमार पांडे (टेक्निकल सर्विस) ने कहा कि यदि डॉक्टर बीमारी और इलाज की जटिलताओं के बारे में मरीज और उसके परिजनों को ठीक से बता दें तो बाद में होने वाले जोखिमों से बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को भी मरीज के पक्ष को लेकर सोचने और उनसे सहानुभूति रखने की जरूरत है। फार्माकोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ. लोकेन्द्र शर्मा ने आधुनिक दवाओं और इलाज के बारे में बताया। उन्होने कहा कि डॉक्टरों को सरकार की ओर से जारी हुई नई गाइडलाइन पर चलने की जरूरत है। इस दौरान डॉ. निशा, डॉ. धर्मेंद्र, डॉ. कमल और डॉ. महिमा समेत अन्य डॉक्टर और मेडीकल स्टूडेंट मौजूद रहे।