3 दिन पहले किया गया था मरीज का कॉम्बो ट्रांसप्लांट
गौरतलब है कि तीन दिन पहले यानी 15 दिसंबर को मरीज का SMS में फेफड़े और हार्ट (कॉम्बो) का ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा गया था। एक ही मरीज के फेफड़ा और हार्ट एक साथ ट्रांसप्लांट होने का ये पहला केस था। ऑपरेशन के बाद मरीज का इलाज जारी था। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी। ऑपरेशन को लीड कर रहे डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मरीज के जो हार्ट और लंग्स लगाए गए, वह वर्क कर रहे थे। हमारी टीम मरीज की स्थिति पर नजर बनाए हुए थी। मरीज के हर पैरामीटर और उस ऑर्गन के फंक्शन का मिनट-टू-मिनट एग्जामिन किया जा रहा था। यूरिन आउटपुट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल आदि पर नजर बनाए रखा। इस दौरान बुधवार को मरीज की अचानक से स्थिति बिगड़ गई। जांच में पाया कि मरीज के शरीर में ब्लड संबंधी कॉम्प्लिकेशन होने लगे। डॉक्टरों ने मरीज को बचाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन वह उसे नहीं बचा पाए।