जयपुर

जयपुर में हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट के 72 घंटे बाद मरीज की मौत, खून के थक्के जमने से अचानक बिगड़ी मरीज की हालत

SMS अस्पताल में हार्ट और लंग्स ट्रांसप्लांट के 72 घंटे बाद मरीज की मौत। डॉक्टर के मुताबिक, बुधवार को अचानक मरीज के शरीर में ब्लड संबंधी कॉम्प्लिकेशन होने लगे।

जयपुरDec 18, 2024 / 07:12 pm

Suman Saurabh

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जयपुर। राजस्थान के जयपुर स्थित सवाई मान सिंह (SMS) अस्पताल में तीन दिन पहले जिस मरीज का फेफड़ा (लंग्स) और हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया था, बुधवार 18 दिसंबर को उसकी मौत हो गई। डॉक्टर के मुताबिक, बुधवार को अचानक मरीज के शरीर में ब्लड संबंधी कॉम्प्लिकेशन होने लगे। कॉम्प्लिकेशन के दौरान मरीज की नसों में खून के थक्के जमने लगे। साथ ही शरीर में अत्यधिक रक्तस्राव (ब्लिडिंग) होने लगा। इस दौरान मरीज की हालत अचानक बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई।

3 दिन पहले किया गया था मरीज का कॉम्बो ट्रांसप्लांट

गौरतलब है कि तीन दिन पहले यानी 15 दिसंबर को मरीज का SMS में फेफड़े और हार्ट (कॉम्बो) का ट्रांसप्लांट कर इतिहास रचा गया था। एक ही मरीज के फेफड़ा और हार्ट एक साथ ट्रांसप्लांट होने का ये पहला केस था। ऑपरेशन के बाद मरीज का इलाज जारी था। वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी। ऑपरेशन को लीड कर रहे डॉक्टर राजकुमार यादव ने बताया कि मरीज के जो हार्ट और लंग्स लगाए गए, वह वर्क कर रहे थे।
हमारी टीम मरीज की स्थिति पर नजर बनाए हुए थी। मरीज के हर पैरामीटर और उस ऑर्गन के फंक्शन का मिनट-टू-मिनट एग्जामिन किया जा रहा था। यूरिन आउटपुट, ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन लेवल आदि पर नजर बनाए रखा। इस दौरान बुधवार को मरीज की अचानक से स्थिति बिगड़ गई। जांच में पाया कि मरीज के शरीर में ब्लड संबंधी कॉम्प्लिकेशन होने लगे। डॉक्टरों ने मरीज को बचाने का हर संभव प्रयास किया लेकिन वह उसे नहीं बचा पाए।

पहली बार हेलिकॉप्टर से भेजे हार्ट, लंग्स, किडनी और लीवर

झालावाड़ के एक युवक के ब्रेन डेड होने के बाद उसके परिजनों ने उसके अंग दान कर दिए। रविवार को युवक के अंगों को एयर एंबुलेंस से जयपुर के एसएमएस अस्पताल लाया गया। युवक के हार्ट और फेफड़े जयपुर भेजे गए, जबकि किडनी और लीवर को हेलीकॉप्टर से जोधपुर भेजा गया। रविवार को एसएमएस अस्पताल में युवक के हार्ट और फेफड़े मरीज को ट्रांसप्लांट किए गए।
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