प्रतिभागियों ने मानव जाति और जानवरों के बीच संबंधों को समझा
जयपुर, 26 अगस्त। कलाकार तसलीम जमाल के ऑनलाइन सेशन ‘आदिम चित्रकला’ का समापन गुरुवार को हुआ। इससे पूर्व दर्शकों ने उनसे आदिवासी क्षेत्रों में मानव जाति और जानवरों के बीच के प्रेम और संबंधों को अधिक विस्तार से समझा। सेशन जवाहर कला केंद्र की ओर से जूम पर और जेकेके के फेसबुक पेज पर लाइव प्रदर्शित किया गया। सेशन में जमाल ने कागज और ऐक्रेलिक पेंट का उपयोग करके आदिवासी लोगों के जीवन को दर्शाती एक पेंटिंग बनाई।
जमाल ने मनुष्यों, जानवरों और पक्षियों की पेंटिंग और शेडिंग का प्रदर्शन किया। सबसे पहले पेंसिल से स्केच की गई आकृति पर उन्होंने गीले ब्रश का इस्तेमाल करके पानी को फैलाया। फिर उन्होंने पेंटिंग में आकृति को रेखांकित करने के लिए दूसरे ब्रश से काला ऐक्रेलिक रंग लगाया। गीले ब्रश का उपयोग करके उन्होंने चित्र में शेडिंग की। उन्होंने बताया कि आदिवासी क्षेत्र के लोगों का जानवरों से गहरा लगाव है। वे जानवरों द्वारा जूठे किए पानी और भोजन को अछूता नहीं मानते हैं। वे जानवरों और पक्षियों के साथ सद्भाव में रहते हैं। आदिवासी लोग सादगी में विश्वास करते हैं और आज भी एक दिन में दो बार के भोजन से अधिक नहीं सोचते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कलाकृति के नवीनतम रूप को समकालीन कला के रूप में जाना जाता है। समकालीन कला का झुकाव काल्पनिक की ओर है।