एसओजी ने उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के सबूत जुटाकर शुरुआत में 20 थानेदारों को चिह्नित किया और इनमें 14 को गिरफ्तार किया। दो प्रशिक्षु थानेदार से पूछताछ की जा रही है, जबकि दो की तलाश जारी है। उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा में पास होने वाले दो परीक्षार्थी कनिष्ठ अभियंता भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में पहले ही गिरफ्तार हो चुके थे।
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एसओजी की टीम स्कूल के संचालक तक पहुंची। पड़ताल में सामने आया कि स्कूल को अकाउंटेंट राजेश खंडेलवाल संभाल रहा है। पांच्यावाला निवासी राजेश को पकड़ा। पूछताछ में पेपर लीक करवाने में का हाथ होने से इनकार कर दिया। आरोपी शिवरतन मोट से सामना करवाया के पहचानने से इनकार कर दिया। जबकि इस दौरान पूछताछ में शिवरतन मोट ने स्कूल में विक्षक बनकर जाना बताया था।
आरोपी शिवरतन मोट ने राजेश से संपर्क होने की जानकारी दी तो वह टूट गया। तब उसने बताया कि जगदीश बिश्नोई ने यूनिक भानू को वीक्षक बनाने और परीक्षा से पहले उप निरीक्षक भर्ती का पेपर लीक करवाने के लिए कहा था। यूनिक भांभू ने परीक्षा से पहले पेपर लीक किया था। इस दौरान जगदीश बिश्नोई भी एसओजी के हत्थे बढ़ गया और पूरे मामले का खुलासा हो गया।
एसओजी सूत्रों के मुताबिक, कनिष्ठ अभियंता पेपर लीक मामले में शिक्षक राजेन्द्र यादव, पटवारी हर्षवर्धन, लाइबेरियन राजेन्द्र कुमार यादव उर्फ राजू व शिवरतन मोट को गिरफ्तार किया। सख्ती से पूछताछ में राजेन्द्र उर्फ राजू ने बताया कि उसका उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा – में चयन हो गया था, लेकिन पकड़े जाने के डर से जॉइन नहीं किया। पेपर लीक के माफिया जगदीश बिश्नोई के खात गुर्गे पंकज चौधरी उर्फ यूनिक भांभू ने उसे परीक्षा से पहले पेपर उपलब्ध करवा दिया था। भांभू ने पेपर कहां से लिया, इसकी जानकारी नहीं है। अनुसंधान में सामने आया कि शिक्षक राजेन्द्र यादव लंबे समय से पेपर लीक गिरोह से जुड़ा है। आरोपी राजेन्द्र के जयपुर में शांति नगर स्थित रवीन्द बाल मारती सी. सै. स्कूल में संपर्क है।