RPSC Paper Leak : सामने आया नकलची सुरेश और हनुमान बेनीवाल का याराना
सचिव हरजीलाल अटल ने बताया कि वरिष्ठ अध्यापक परीक्षा के तहत छह दिन में कई केंद्रों पर मूल अभ्यर्थियों के स्थान पर फर्जी परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। आयोग ने सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-2022 के तहत पुलिस में दर्ज मामलों-केंद्राधीक्षकों की शिकायतों के आधार पर डिबार करने की कार्रवाई की है। इनमें उदयपुर के 4, जोधपुर के 2 तथा भरतपुर और झुंझुनूं के 1-1 अभ्यर्थी और उनके स्थान पर परीक्षा देने वाले 8 फर्जी अभ्यर्थियों को आयोग ने आजीवन डिबार किया है।
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सेवाओं में आने के सभी रास्ते सदैव के लिए बंद
अटल ने कहा कि परीक्षाओं की शुचिता भंग करना, प्रश्न-पत्रों को अवैध तरीकों से हथियाना या किसी अन्य अभ्यर्थी के स्थान पर परीक्षा देना जैसे मामलों में कठोर कार्यवाही के प्रावधान सार्वजनिक परीक्षा अधिनियम-2022 के तहत किए गए हैं। प्रकरणों में दोषी अभ्यर्थियों को सदैव के लिए परीक्षाओं से विवर्जित किया गया है। इसके साथ ही ऐसे मामलों में लिप्त प्रत्येक व्यक्ति पर आपराधिक प्रकरण भी दर्ज होता है। आयोग द्वारा इस प्रकार का प्रयास करने वाले अभ्यर्थियों व व्यक्तियों की सूची अन्य भर्ती एजेंसियों के साथ भी साझा की जाती है। इससे इस प्रकार के अभ्यर्थियों/व्यक्तियों के राजकीय सेवाओं में आने के सभी रास्ते सदैव के लिए बंद हो जाते हैं।
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अन्य भर्ती संस्थानों को भी सूचना देंगी RPSC
सभी प्रकरणों में संबंधित 8 मूल अभ्यर्थियों तथा 8 डमी अभ्यर्थियों कुल 16 व्यक्तियों के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होने के साथ ही आयोग द्वारा इन सभी व्यक्तियों को आजीवन परीक्षाओं से विवर्जित (डिबार) करने की कार्यवाही की जा रही है। इस परीक्षा में पूर्व के प्रकरणों में भी 46 अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा सदैव के लिए परीक्षाओं से डिबार किया जा चुका है। परीक्षा में डिबार किए गए सभी 62 व्यक्तियों की सूची देश के अन्य भर्ती संस्थानों के साथ भी साझा की जाएगी।