क्षेत्र के चराणा से गवारड़ी मार्ग पर एक खेत में लगी बाड़ के समीप मृत पैंथर की तहसीलदार डॉ. अभिनव शर्मा द्वारा सूचना मिलने के बाद वन विभाग के कर्मचारी मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया। मृत पैंथर का शव पूरी तरह से फुल चुका था, जिससे शव करीब दो दिन पुराना होने का अनुमान लगाया गया। मामले में सामने आया कि मृत पैंथर के गले में बाइक के क्लच वायर का फंदा लगा हुआ था, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि संभवतया खेतों में खड़ी फसलों को सूअरों एवं नील गायों से बचाने के लिए लगाए गए फंदे में फंसने से उसकी मौत हुई है। इस संभावना को लेकर वन कर्मियों ने आसपास के तमाम खेतों का निरीक्षण भी किया, लेकिन कहीं भी फंदे लगे हुए नहीं मिले, जिससे माना जा रहा है कि पैंथर कहीं अन्यत्र फंदे में फंसा था एवं काफी छटपटाने के बाद फंदे से निकल कर भागते हुए यहां पहुंच गया और काल का ग्रास बन गया।
वनकर्मियों ने मौका पर्चा तैयार कर मृत पैंथर का शव पीपरड़ा नर्सरी में ले जाकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कराने के बाद उसका दाह संस्कार कर दिया। घटना की सूचना मिलने पर मौके पर पहुंचे कपासन निवासी उज्ज्वल दाधीच ने मौके का अवलोकन करते हुए आसपास के खेतों का निरीक्षण करते हुए फसलों को जंगली जानवरों से बचाने के लिए लगाए गए फंदे से ही पैंथर की मौत होने के साथ मृत पैंथर के नाखून एवं खाल सही सलामत होने से किसी भी प्रकार के शिकार की संभावनाओं को नकार दिया।
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