मृतक की मां कालीदेवी बार बार बेहोश हो रही थी। पिता बलराम योगी बेसुध होकर गिर रहा था। दिव्यांग दादा के भी कार्तिक को याद आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। बच्चे का शव शनिवार सुबह घर पहुंचते ही चीख पुकार मच गई। प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा ग्रामीणों के भी आंसू छलक पड़े। जिम्मेदारों को कोसते हुए मृतक की मां रो रो कर कह रही थी कि हमें मुआवजे की जरूरत नहीं है, बस मुझे मेरा बेटा लौटा दो। घटना के बाद जयपुर ग्रामीण सांसद कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने भी पीड़ित परिवार के प्रति गहरी संवेदना प्रकट की है।
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ग्रामीणों ने जताया विरोध
शनिवार सुबह मौके पर वन विभाग के उप वन संरक्षक वन्यजीव जयपुर सागर पंवार, उप वन संरक्षक जयपुर उत्तर मनफूल विश्नोई, प्रेमशंकर मीणा एसीएफ जमवारामगढ़, रामकरण मीणा रेंजर रायसर ने पीड़ित परिवार से घटना की जानकारी लेकर मौका मुआयना किया। इस दौरान वन अधिकारियों को घटना के बाद मौके पर देरी से आने को लेकर ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। वहीं 15 सूत्रीय मांगों को लेकर वनकर्मी 6 फरवरी से हड़ताल पर है। वनकर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद वन क्षेत्र की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
पैंथर पकड़ने को पिंजरा लगाया
ग्रामीणों ने वन अधिकारियों से वन्यजीव विचरण संभावित जगह वनकर्मियों के नम्बर लिखवाने व पैंथर पकड़ने की मांग की। जिसके बाद वन अधिकारियों ने पैंथर को पकड़ने के लिए संभावित जगह पर पिंजरा लगाया है। इसकी निगरानी के लिए स्टाफ भी तैनात किया है। ग्रामीणों ने वन क्षेत्र में लगी सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने को लेकर नाराजगी जताई।
इनका कहना है
असामायिक घटना का बेहद दुख: है। वन विभाग द्वारा पीड़ित परिवार को पांच लाख का मुआवजा दिया जाएगा। पैंथर को पकड़ने के लिए पिंजरा लगवाया है। इसके लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है।
सागर पंवार, डीएफओ, जयपुर