Raksha Bandhan 2023 -रक्षाबंधन के पर्व पर आज 100 वर्ष बाद पंचमहायोग बना है। यह पंचमहायोग प्रेम को बढ़ावा देगा। बुधादित्य योग, राजयोग, घनिष्ठा नक्षत्र सहित अन्य योग-संयोग में भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन बुधवार को धूमधाम से मनाया जा रहा है। ज्योतिषिविदों के अनुसार, पर्व पर योग-संयोग भी कुछ खास है। रक्षाबंधन पर बनने वाले इस योग से भाई बहन का प्रेम और बढ़ेगा। चंद्रमा और शनि, सूर्य और बुध की युति 100 से अधिक साल बाद है। सूर्य स्वराशि सिंह, शनि स्वराशि कुंभ, बृहस्पति मित्र राशि मेष, बुध मित्र राशि सिंह में विराजमान है। पंचमहायोगों के निर्माण होने से यह योग, प्रेम को और बढ़ावा देगा।
रक्षाबंधन पर्व का श्रेष्ठ मुहूर्त जानें –
– पर्व पर श्रवण शुक्ल पूर्णिमा बुधवार सुबह 10.59 AM से शुरू होकर अगले दिन गुरुवार सुबह 7.06 AM तक रहेगी। पूर्णिमा की शुरुआत के साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगी।
– रक्षाबंधन की रात 9.02 PM तक भद्रा रहेगी। पंडित घनश्याम दास स्वर्णकार ने बताया कि 30 अगस्त को ही रात्रि में भद्रा के बाद रक्षाबंधन करना शास्त्र सम्मत है। शास्त्रों में भद्रा काल अशुभ समय माना जाता है।
– रात 9.02 PM से निश्चित समय रात 12.28 AM तक रक्षाबंधन का श्रेष्ठ शुभ मुहूर्त होगा।
– रात के समय राखी बांधने के लिए कम समय मिलेगा। ऐसे में अगले दिन भी पर्व को मनाया जा सकता है।