प्रावधानों के तहत राज्य में मैगनिशियम कॉर्बोनेट, निकोटिन, तंबाकू अथवा मिनरल ऑयल युक्त पान मसाला एवं फ्लेवर्ड सुपारी का उत्पादन, भंडारण एवं बिक्री को खाद्य सुरक्षा अधियिम के तहत प्रतिबंधित किया है। अधिनियम की पालना के लिए प्रदेश के सभी फूड सेफ्टी ऑफिसर को बिक्री,भंडारण और उत्पादन पर रोक के निर्देश दे दिए गए हैं।
गौरतलब है कि इसी साल मई माह में गहलोत सरकार ने प्रदेश में ई सिगरेट पर प्रतिबंध लगाया था। तब ई-सिगरेट के उत्पादन, भण्डारण, वितरण, विज्ञापन और ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन किसी भी माध्यम से बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया था। विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31 मई) के अवसर पर राज्य सरकार का यह महत्वपूर्ण फैसला युवाओं में नशे की लत को रोकने की दिशा में लिया गया था।
सीएम गहलोत का कहना है कि हमने जन घोषणापत्र में युवाओं में नशे की लत रोकने के लिए कारगर कदम उठाने का वादा किया था। इस जन घोषणापत्र को राज्य सरकार ने नीतिगत दस्तावेज के रूप में स्वीकार किया है। यह कदम नशा मुक्त युवा पीढ़ी की दिशा में मजबूत कदम साबित होगा।
बिहार सरकार ने पहले उठाया कदम दरअसल, राजस्थान से पहले बिहार में तीन जाने-माने ब्रैंड्स के पान मसालों पर हाल ही में बैन लगाया गया है। पिछले महीने ही खाद्य संरक्षा आयुक्त ने आदेश जारी करते हुए इन पान मसाला ब्रैंड्स पर तत्काल प्रभाव से बैन लगाया। आदेश में कहा गया है कि अगस्त में तीन और पान मसालों के नमूनों की जांच की गई थी जिसमें मैगनीशियम कार्बोनेट पाया गया। इससे हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
बिहार में इन तीन ब्रैंड्स पर प्रतिबन्ध से पहले वहां 12 तरह के पान मसालों पर बैन लगाया गया था। ऐसे में अब तक कुल 15 तरह के पान मसालों पर बैन लग गया है। फिलहाल यह प्रतिबंध एक साल के लिए लगाया गया है।