गौरतलब है कि केंद्र सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर ( Jammu and Kashmir ) पर लगे अनुच्छेद 370 ( Article 370 ) और 35 ए के हटाए जाने के बाद से पाकिस्तान सरकार ( pakistan ) की बौखलाहट देखने को मिल रही है। बीते दिनों लाहौर और दिल्ली के बीच संचालित हो रही समझौता एक्सप्रेस ( Samjhauta Express ) का संचालन बंद करने के बाद पाकिस्तानी सरकार की ओर से शुक्रवार को थार एक्सप्रेस का संचालन भी रोकने के आदेश निकाले हैं। पाक सरकार के रेलवे मंत्री शेख राशिद की ओर से बयान जारी किया गया है कि जब तक वह मंत्री हैं तब तक ट्रेन का संचालन सुचारू नहीं किया जा सकेगा। उल्लेखनीय है कि साप्ताहिक ट्रेन थार एक्सप्रेस का संचालन पाकिस्तान के खोखरापार और बाड़मेर के मुनाबाव रेलवे स्टेशन के बीच किया जाता रहा है। पाक सरकार की ओर से भारतीय सिनेमा के प्रदर्शन पर भी रोक लगाई गई है।
वहीं भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान को अपने निर्णय पर दुबारा सोचने की आवश्यकता है। पाक सरकार की ओर से लिया गया निर्णय एक तरफा है। पाक सरकार की ओर से भारत सरकार के साथ किसी प्रकार की सूचना साझा नहीं की गई है। पाक सरकार को यह सोचना होगा कि उसके इस प्रकार के रवैये से दोनों देशों के बीच के संबंधों में दूरियां आएंगी। पाक सरकार को यह समझना चाहिए कि भारत सरकार की ओर से किए गए निर्णय उसके आंतरिक मामले हैं। ऐसे में अन्य देशों के दखल का सवाल नहीं उठता।
2006 से चल रही दोस्ती की ट्रेन
1965 के युद्ध से पहले भारत-पाकिस्तान के बीच रेल का संचालन जोधपुर से कराची तक होता था। 1965 के युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति होने से रेलमार्ग को बंद कर दिया गया। बाद में 41 साल बाद 18 फरवरी 2006 को इस ट्रेन को वापस शुरू किया गया। इस वर्ष फरवरी-मार्च में पुलवामा आतंकी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने तनावपूर्ण माहौल के बावजूद इस ट्रेन का संचालन होता रहा। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2006 से अब तक करीब सवा तेरह साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।
1965 के युद्ध से पहले भारत-पाकिस्तान के बीच रेल का संचालन जोधपुर से कराची तक होता था। 1965 के युद्ध में रेल पटरियां क्षतिग्रस्त होने और दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण स्थिति होने से रेलमार्ग को बंद कर दिया गया। बाद में 41 साल बाद 18 फरवरी 2006 को इस ट्रेन को वापस शुरू किया गया। इस वर्ष फरवरी-मार्च में पुलवामा आतंकी हमला व सर्जिकल स्ट्राइक के बाद बने तनावपूर्ण माहौल के बावजूद इस ट्रेन का संचालन होता रहा। रेलवे सूत्रों के अनुसार 2006 से अब तक करीब सवा तेरह साल में करीब साढ़े चार लाख यात्रियों ने इस ट्रेन से यात्रा की है।