276 परिवारों को दी थी जमीन
राजे सरकार के समय पाक विस्थापित हिंदू परिवारों को बसाने की कवायद शुरू हुई थी। कुल 276 परिवारों की सूची राज्य सरकार से जेडीए को दी गई थी। इनमें से 100 विस्थापित परिवारों को जगतपुरा के पास खूसर विस्तार योजना में भूखंड आवंटित किए गए। .शेष 176 परिवारों के लिए गोविंदपुरा योजना में 100 भूखंड प्रस्तावित किए गए। जेडीए ने इस योजना की प्लानिंग भी कर ली थी और परियोजना कार्य समिति की बैठक में योजना के मानचित्र को अनुमोदित भी कर दिया गया।
भूमि पर नहीं हटाया कब्जा
भूमि से कब्जे हटाने के लिए जेडीए के जोन 8 में 24 दिसंबर, 2020 को प्रवर्तन शाखा को पत्र लिखा था। पत्र के साथ जोन कार्यालय ने अतिक्रमण प्रोफोर्मा रिपोर्ट भी भेजी थी। इस पत्र में जोन उपायुक्त ने बताया कि 50-60 अज्ञात परिवारों ने झुग्गी-झोपड़िया बनाकर अतिक्रमण कर लिया है
.और मौके पर मदरसा भी संचालित है। इसके बावजूद जेडीए की प्रवर्तन शाखा ने भूमि से अवैध कब्जे नहीं हटाए। नतीजन जोन उपायुक्त ने 17 अक्टूबर 2023 को प्रवर्तन शाखा को फिर स्मरण पत्र भेजा। यह पत्र भेजकर फिर से भूमि से अवैध कब्जे हटाने की सिफारिश की, लेकिन अब तक अवैध कब्जे नहीं हटाए गए
मंत्री ने मांगी है रिपोर्ट
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आला अधिकारियों की ली पहली ही बैठक में सभी विभागों को सौ दिवसीय कार्य योजना बनाने की हिदायत दी थी। इसकी पालना में नगरीय विकास विभाग ने सभी निकायों से सौ दिवसीय कार्य योजना मांगी। भाजपा सरकार के संकल्प पत्र में दिए विभागीय बिंदुओं के अनुसार कार्य योजना मांगी। नगरीय विकास से ही जुड़ा एक वादा हिंदू शरणार्थियों को बसाने का है। जेडीए की ओर से भेजी गई सौ दिवसीय कार्य योजना में कहा गया है, इस वादे को लेकर जेडीए ने कहा है कि हिंदू परिवारों को गोविदंपुरा में भूखंड दिया जाना प्रस्तावित है। यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने विभाग की ली पहली बैठक में .जेडीए अधिकारियों को इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं। रिपोर्ट में जेडीए को यह जवाब देना है कि हिंदू परिवारों को भूखंड का आवंटन अब तक क्यों नहीं किया गया।