उनके नेतृत्व में किए गए अनुसंधान और इनोवेशन ने भारतीय विज्ञान और तकनीकी क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण प्रगति की है। विशेष रूप से, उन्होंने गांधीवादी इंजीनियरिंग की अवधारणा पर आधारित समावेशी नवाचार आंदोलन के लिए विशेष पहचान बनाई है।
यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट डॉ. पीआर सोडानी ने डॉ. माशेलकर की नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा कि हम अपने आप को भाग्यशाली मानते हैं कि डॉ. माशेलकर जैसे विशिष्ट शिक्षाविद हमारे विश्वविद्यालय में प्रतिष्ठित प्रोफेसर के तौर पर जुड़े हैं। उनकी विशेषज्ञता और दूरदर्शी नेतृत्व हमारे शैक्षणिक वातावरण को और बेहतर बनाएगा और इसे महत्वपूर्ण रूप से समृद्ध भी करेगा। उनका जुड़ाव स्वास्थ्य प्रबंधन शिक्षा और अनुसंधान को आगे बढ़ाने में एक नया अध्याय जोड़ेगा।