जयपुर. अब दिमाग में मिर्गी को कंट्रोल करने के लिए भी पेसमेकर जैसा डिवाइस वेगस नर्व स्टीमुलेटर लगाया जा रहा है। यह गर्दन के पास इम्प्लांट होता है। ये ब्रेन तक जाने वाली नर्व से जुड़ता हैं जो मिर्गी आने पर उसे इलेक्ट्रिक शॉक देकर बढऩे से रोकता है। ये बात इंडियन एपिलेप्सी सोसायटी और इंडियन एपिलेप्सी एसोसिएशन की ओर से आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ईकॉन 2023 के आखिरी दिन डॉ. पुष्कर गुप्ता ने कही। ऑर्गेनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. आरके सुरेका ने बताया कि में कॉन्फ्रेंस में 190 रिसर्च पेपर प्रदर्शित किए गए। अंतिम दिन एपिलेप्सी सोसाइटी का सिंपोजियम आयोजित किया गया। जिसमें आईबीइ, आईएलएई और डब्ल्यूएचओ के द्वारा मिर्गी रोग के प्रति जागरूकता बढ़ाने पर विचार-विमर्श किया गया। डॉ. भावना शर्मा ने बताया कि सिंपोजियम में आईबीई और आईएलएई के डॉ डोना वाल्श, डॉ. हेलन क्रॉस और डॉ. सेबेस्टियन ने विश्व में मिर्गी को लेकर स्थिति के बारे में बताया। अब एक टेस्ट से मालूम होगी सटीक जगह डॉ. मंजरी त्रिपाठी ने बताया कि स्टीरियो ईईजी जांच से दिमाग में मिर्गी के दौरे की सटीक लोकेशन का पता लगाया जा सकता है। ये जांच दिमाग में तार डालकर की जाती है। अगर मिर्गी का सोर्स किसी महत्वपूर्ण हिस्से में है तो उस हिसाब से ट्रीटमेंट की प्लानिंग की जाती है।