-पुराने पट्टे (लीज डीड) संबंधित निकाय में समर्पित करना होगा। इस आधार पर निकाय फ्री होल्ड पट्टा जारी करेगा, जिसमें पुराने पट्टे का भी उल्लेख होगा।
-फ्री होल्ड पट्टे की रजिस्ट्री भी कराना अनिवार्य होगा। रजिस्ट्री की दर में भी छूट देने की तैयारी है। इसके लिए सरकार जल्द आदेश जारी करेगी।
-निकाय की ओर से जारी की गई लीज डीड के बाद भूखंडों का उप विभाजन, पुनर्गठन कर निर्णय लिया जाता है तो भी यही प्रक्रिया होगी। ऐसे मामलों में भी पुराना पट्टा समर्पित कराकर फ्री होल्ड पट्टा दिया जा सकेगा।
निजी विकासकर्ताओं की जिन कॉलोनियों के भूखंडधारियों की सूची और अन्य रिकॉर्ड विकासकर्ता ने जेडीए में प्रस्तुत नहीं किया है, ऐसे विकासकर्ता 30 अक्टूबर तक जमा करा सकेंगे। यदि इस अवधि में भी सूची व रिकॉर्ड प्रस्तुत नहीं होता है तो भूखंडधारी सीधे या विकास समिति के जरिए पेश कर पाएंगे। ऐसी ही व्यवस्था पृथ्वीराज नगर क्षेत्र के लिए भी लागू होगी। जेडीए ऐसी कॉलोनियों का सर्वे कराकर ले आउट प्लान तैयार करेगा।