प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं होने के चलते ये भारी वाहन तेज रफ्तार में चलते है जिसके कारण आए दिन हादसे हो रहे है। वहीं क्षेत्र के आसपास के गांवों की सड़कें भारी वाहनों के कारण टूट गई है। 19 मील से होते हुए बरखेड़ा गांव से निकलने वाले बजरी के ट्रकों से ग्रामीण काफी परेशान है। आवाज से ग्रामीण काफी परेशान है। ट्रकों से उड़ने वाली धूल की वजह से ग्रामीण परेशान हैं। लोगों का कहना है कि इन ट्रकों से इससे उड़ने वाली धूल से सड़क किनारे रहने वाले लोग को परेशानी होती है।
टोल बचाने के चक्कर में गांवों की सड़कों से निकल रहे
टोल बचाने के चक्कर में भारी वाहन निमोड़िया कट से होकर मुख्य गांव निमोड़िया, आकोड़िया, भादड़वास, खाजलपुरा, बाड़ापदमपुरा, बरखेड़ा, सांम्भरिया गोनेर, बराला सहित आसपास की अन्य सड़कों से होकर गुजरते है। वहीं दूसरी ओर टोल के पास यारलीपुरा पुलिया के नीचे से होकर डाहर व बरखेड़ा रोड से निकलते हैं। ओवरलोड वाहनों से सड़के क्षतिग्रस्त हो गई है। जिससे स्थानीय ग्रामीणों व वाहन चालकों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। मुख्य गांवों के संकरे रास्तों में बड़े व भारी वाहनों के कारण जाम लगा रहता है।नहीं हो रही कार्रवाई
गावों से निकलने वाले भारी वाहनों पर टोल कम्पनी व आरटीओ, पुलिस प्रशासन द्वारा प्रभावी कार्रवाई नहीं की जा रही हैं। जिससे ओवरलोड वाहन धडल्ले से निकलते हैं। बरखेड़ा सरपंच ने बताया कि इसको लेकर पिछले तीन साल से ग्रामीणों के साथ मिलकर स्थानीय प्रशासन, उपखण्ड अधिकारी, जिला कलक्टर, पुलिस प्रशासन व टोल कम्पनी को कई बार लिखित शिकायत देने के बाद भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।