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10 साल बाद आपका दिमाग आपके कंप्यूटर से जुड़ा होगा

10 साल बाद आपका दिमाग आपके कंप्यूटर से जुड़ा होगा-उपभोक्ता और व्यावसायिक अनुप्रयोगों के साथ-साथ चिकित्सा के क्षेत्र में भी दिमाग और मशीन इंटरफेस सामान्य बात हो जाएगा

जयपुरJul 08, 2019 / 05:08 pm

Mohmad Imran

जयपुर। तकनीकी तरक्की के साथ आने वाले एक दशक में अपने दिमाग को कम्प्यूटर से जोड़कर लोगों के साथ सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म समेत अन्य जरूरी गतिविधियां बेहद आम हो जाएंगी। यह सब संभव होगा ‘ब्रेन-मशीन इंटरफेस’ (बीएमआइ) डिवाइस से। क्वांटम कम्प्यूटिंग की ही तरह बीएमआइ भी भविष्य की अपार संभावनाओं के द्वार खोलता है। यह तकनीकी अनुसंधान का एक विशाल क्षेत्र है जो डेटा साझा करने और कम्प्यूटरीकृत उपकरणों को नियंत्रित करने के लिए मानव मस्तिष्क को सीधे कंप्यूटर से जोडऩे की क्षमता प्रदान करता है। फिलहाल इस तकनीक पर दुनिया की कुछ गिनर-चुनी टेक कंपनियां ही काम कर रही हैं। इन्हीं में से एक है एलन मस्क से सहायता प्राप्त कंपनी ‘न्यूरालिंक’। इस फर्म का उद्देश्य मनुष्यों और कम्प्यूटरों को जोडऩे के लिए अल्ट्रा-हाई बैंडविड्थ ‘न्यूरल लेस’ उपकरण विकसित करना है।

ताकि मशीनों से पिछड़ न जाएं हम
इंसानी दिमाग और कम्प्यूटर को जोडऩे के इस विचार में मस्क की रुचि का कारण यह है कि इस तरह की तकनीक मनुष्य को सुपर-बुद्धिमान कृत्रिम बुद्धिमत्ता यानि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) से पिछडऩे न दे। विचार यह है कि मनुष्य के दिमाग को सीधे अल्ट्रा-हाई बैंडविड्थ लिंक के साथ किसी एआइ मशीन से जोडऩा कम से कम हमें मशीनों के साथ लगातार संपर्क में बनाए रखने का मौका देगा। गौरतलब है कि एलन मस्क यसह मानते हैं कि मशीनें भविष्य में इंसानों से आगे निकल जाएंगी और अनियंत्रित होकर हमें क्षति पहुंचा सकती हैं।

हालांकि, बीएमआई तकनीक के आधारभूत बुनियादी स्वरूपों का उपयोग वर्षों से चिकित्सा के क्षेत्र में किया जा रहा है। कर्णावत प्रत्यारोपण (cochlear implants) प्रमुख हैं। ये ऐसे व्यक्ति को ध्वनि प्रदान करता है जो बहरा हो या जिसे सुनने में बहुत ज्यादा परेशानी हो रही हो। ऐसा ही एक अन्य उभरता हुआ चिकित्सा उपयोग ‘विजुअल प्रोस्थेटिक’ है। इसमें दृष्टिहीन लोगों को एक कृत्रिम उपकरण के जरिए एक सीमा में कुछ खास दृश्यों को देखने में मदद करना है। लेकिन बीएमआइ के अधिक महत्वाकांक्षी स्व्रूप जैसे कम्प्यूटर या डिजिटल अवतार (हॉलीवुड फिल्म avtaar और chappie की तरह) के साथ मशीनों पर नियंत्रण या उनसे संचार करना अभी अपने प्रारंभिक चरण में हैं।

2030 तक 2.56 करोड़ बीएमआइ डिवाइस
इस तकनीक की लोकप्रियता का अंदाजा तकनीकी विश्लेषक जुनिपर रिसर्च की भविष्यवाणी से लगाया जा सकता है। रिसर्च के मुताबिक बीएमआई उपकरणों का शिपमेंट साल 2030 तक 2.56 करोड़ (256 मिलियन) तक पहुंच जाएगा। वहीं इस साल के आखिर तक दुनिया के अलग-अलग कोनों से लगभग 3.50 लाख बीएमआइ डिवाइस के ऑर्डर मिलने की उम्मीद है।
यह भी अनुमान लगाया गया है कि इस समय तक बीएमआइ चिकित्सा के क्षेत्र में विशुद्ध प्रयोगात्मक चिकित्सा उपयोग के अलावा सामान्य उपयोग के लिए भी डिवाइस का निर्माण शुरू कर देगा। इस समय तक तमाम बीएमआइ मेडिकल उपकरण दुनिया का 78 फीसदी राजस्व जुटा रहे होंगे। जुनिपर का कहना है कि ये उपकरण उपयोगकर्ता के अनुभव और समझ के स्तर को बढ़ाने के साथ-साथ संभावित रूप से विभिन्न कल्याण कार्यों को करने में भी मदद करेगा। इससे हमारी नींद की गुणवत्ता, थकान या एकाग्रता की कमी के चलते निगरानी रखने और ध्यान लगाने की प्रवृत्ति में भी सुधार होगा।

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