छठे आयुर्वेद दिवस के मौके पर आज राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान “पोषण के लिए आयुर्वेद “ विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गइ। आयुर्वेद की दृष्टि से पोषण के अनेक महत्वपूर्ण और सामायिक पहलुओं पर केंद्रित इस संगोष्ठी में जाने माने विशेषज्ञों ने व्याख्यान दिए। यहां गर्भावस्था के लिए पोषण की अवधारणा, आहार से संबंधित मिथक और तथ्य, खाद्य तेल के विकल्प और पोषण में उनकी भूमिका, एनीमिया प्रबंधन, पोषण में यकृत स्वास्थ्य की भूमिका पर चर्चा की गई। तीन सत्रों में आयोजित इस संगोष्ठी का उद्धघाटन मुख्य अतिथि सचिव , आयुष मंत्रालय पद्मश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने किया। वहीं प्रमोद कुमार पाठक, विशेष सचिव, आयुष मंत्रालय, वैद्य जयंत देवपुजारी, प्रो. अभिमन्यु कुमार ने पोषण को लेकर आयुर्वेद पर जानकारी दी। कार्यक्रम की शुरुआत संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत कर की। इस मौके पर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के लिए देहदान कराने की सेवाओं के लिए कमल सचेती को सम्मानित भी किया गया। प्रो-वाइस चांसलर एवं आयोजन समिति की अध्यक्ष प्रो. मीता कोटेचा ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।
आयुर्वेद में हर मर्ज का इलाज
संगोष्ठी के पहले सत्र में वैद्य जयंत देवपुजारी ने गर्भावस्था में विभिन्न पोषण से सम्बंधित स्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से गर्भिणी पोषण बनाये रखने के लिए अनेक तरीकों को अपने व्याख्यान में बताया। इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के डॉ. शिव कुमार सरीन ने लिवर का पोषण में महत्त्व को बताया। उनके व्याख्यान में यह बताया गया कि किस प्रकार लिवर शरीर को बना या बिगाड़ सकता है। दूसरे सत्र में प्रोफेसर डॉ. उमेश कपिल ने भारत में पोषणजन्य खून की कमी के उपचार तथा प्रबंध के तरीकों पर बात की। उ
संगोष्ठी के पहले सत्र में वैद्य जयंत देवपुजारी ने गर्भावस्था में विभिन्न पोषण से सम्बंधित स्थितियों के बारे में बताया। उन्होंने आयुर्वेद के माध्यम से गर्भिणी पोषण बनाये रखने के लिए अनेक तरीकों को अपने व्याख्यान में बताया। इंस्टिट्यूट ऑफ़ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज के डॉ. शिव कुमार सरीन ने लिवर का पोषण में महत्त्व को बताया। उनके व्याख्यान में यह बताया गया कि किस प्रकार लिवर शरीर को बना या बिगाड़ सकता है। दूसरे सत्र में प्रोफेसर डॉ. उमेश कपिल ने भारत में पोषणजन्य खून की कमी के उपचार तथा प्रबंध के तरीकों पर बात की। उ
ये रहे विशेष
तीसने सत्र में पवमाना फार्मेसी के डॉ. श्रीनिवास वाडेयार ने सूप और उनके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने सूप बनाने का सही तरीका भी बताया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के डॉ. असित कुमार पांजा ने भोजन संस्कार के बारे में चर्चा की। साथ ही भोजन बनाने में आयुर्वेद का महत्व भी समझाया।
तीसने सत्र में पवमाना फार्मेसी के डॉ. श्रीनिवास वाडेयार ने सूप और उनके फायदों के बारे में बताया। उन्होंने सूप बनाने का सही तरीका भी बताया। राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के डॉ. असित कुमार पांजा ने भोजन संस्कार के बारे में चर्चा की। साथ ही भोजन बनाने में आयुर्वेद का महत्व भी समझाया।